जेएनयू में 3 घंटे तक नक़ाबपोश गुंडों ने जो कहर बरपाया, इस घटना में पुलिस की भूमिका को लेकर घायल छात्रों, प्रोफ़ेसरों और राजनीतिक दलों ने सवाल उठाये हैं। इस मामले में लगातार हो रहे ख़ुलासों के बीच एक नई जानकारी सामने आई है कि जब नक़ाबपोश गुंडे जेएनयू में हॉस्टलों के भीतर उत्पात मचा रहे थे तो पुलिस को बवाल की सूचना देने के लिए कैंपस के अंदर से 23 बार कॉल की गईं। दोपहर 2.30 बजे से लगभग 4 घंटे तक पुलिस को कॉल की जाती रही। पुलिस को यह कॉल लगभग तब तक की जाती रहीं जब तक रात 7.45 बजे जेएनयू के रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार ने पुलिस को आधिकारिक रूप से कैंपस के अंदर तैनात करने का पत्र नहीं भेजा। अंग्रेजी अख़बार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ को मिली जानकारी के मुताबिक़, जेएनयू में हिंसा को लेकर पुलिस ने जो रिपोर्ट तैयार की है, उसमें यह अहम जानकारी सामने आई है।