खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साज़िश के मामले में अमेरिका भारत की जाँच का इंतज़ार करेगा। अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा है कि उनका देश अमेरिकी धरती पर पन्नू की हत्या की साजिश में एक भारतीय अधिकारी की संलिप्तता के आरोपों से जुड़े मामले को बेहद गंभीरता से ले रहा है।
एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान मिलर ने मंगलवार को कहा कि भारत ने इस मामले में अपनी जांच शुरू कर दी है और अमेरिका नतीजों का इंतजार करेगा। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर इस सरकार के सबसे वरिष्ठ स्तर पर चर्चा की गई है। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री ने सीधे अपने विदेशी समकक्ष के सामने यह बात उठाई है कि हम इस मुद्दे को बहुत गंभीरता से लेते हैं। प्रवक्ता ने कहा है कि उन्होंने हमसे कहा कि वे जाँच करेंगे।
कनाडा में एक अन्य खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच में भारत के सहयोग के बारे में पूछे जाने पर मिलर ने कहा कि हमने उनसे कनाडाई जांच में सहयोग करने का आग्रह किया है और उन्होंने ऐसा करने की बात कही है।
इससे पहले यह पुष्टि की गई थी कि प्रधान उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जोनाथन फाइनर ने अपनी यात्रा के दौरान शीर्ष भारतीय अधिकारियों के साथ बैठकों में कथित हत्या की साजिश पर चर्चा की थी। फाइनर ने सोमवार को एनएसए अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाक़ात की थी।
निखिल गुप्ता पर अमेरिकी नागरिक और खालिस्तानी गुरपतवंत सिंह पन्नू को मारने के लिए एक हिटमैन को नियुक्त करने के लिए एक भारतीय सरकारी एजेंसी के कर्मचारी के साथ काम करने का आरोप लगाया गया है।
अभियोग में आरोपी व्यक्ति या भारत सरकार के अधिकारी का नाम नहीं है। फाइनेंशियल टाइम्स ने पिछले हफ्ते एक रिपोर्ट में दावा किया था कि अमेरिका ने पन्नू को मारने की साजिश को नाकाम कर दिया था।
गुरपतवंत सिंह के पास अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता है। अमेरिकी जांच एजेंसियों ने निखिल गुप्ता नामक भारतीय को पकड़ा है जिस पर आरोप है कि भारतीय अधिकारी ने गुप्ता के जरिए अंडर कवर एजेंट भाड़े पर लिए थे और गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की गहरी साजिश अमेरिका में रची जा रही थी। कथित भारतीय अधिकारी द्वारा भेजे गए संदेश पकड़े गए हैं, जिनसे इस साजिश का पता चला। सभी दस्तावेज अमेरिका की मैनहट्टन फेडरल कोर्ट में जमा कराए गए हैं।
गुरपतवंत सिंह पन्नू का नाम तब चर्चा में आया था जब कुछ सिख युवकों ने सिख फॉर जस्टिस यानी एसएफजे बनाई और कानूनी सलाहकार और प्रवक्ता के रूप में पन्नू को नियुक्त किया। एसएफजे ने अपने घोषणापत्र में कहा कि उनकी संस्था का मक़सद भारत में अलग खालिस्तान देश बनाना है। पन्नू के बयानों ने सिर्फ पंजाब में ही नहीं पूरे भारत में हलचल मचा दी। भारत के कई शहरों में खालिस्तानी नारे दिखाई देने लगे और उसके नीचे एसएफजे लिखा होता। इन सारी करतूतों के पीछे एक ही नाम बार-बार सामने आ रहा था, वो था पन्नू का नाम।
भारत में पन्नू के खिलाफ केस दर्ज हुए। 2020 में भारत सरकार ने उसे आतंकवादी के रूप में नामजद किया और उसकी खेती की जमीन को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धारा 51 ए के तहत जब्त कर लिया गया। गुरपतवंत सिंह पन्नू वर्तमान में भारत में राजद्रोह के तीन आरोपों सहित 22 आपराधिक मामलों का सामना कर रहा है।
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