भारत के ख़िलाफ़ जहर उगलते रहने वाले खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साज़िश के मामले में अब अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन का बयान आया है। उन्होंने भारत की प्रतिक्रिया आने के बाद कहा है कि वह इस मामले को बेहद गंभीरता से लेता है। हालाँकि, इसके साथ ही उन्होंने भारत के साथ संबंधों का हवाला दिया और उन्होंने पन्नू की हत्या की कथित साज़िश में भारत द्वारा शुरू की गई जाँच का स्वागत किया।
ब्लिंकन ने गुरुवार को कहा कि वाशिंगटन इन आरोपों को बहुत गंभीरता से लेता है कि भारत सरकार का एक अधिकारी अमेरिकी धरती पर खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश में शामिल था। ब्लिंकन का यह बयान इज़राइल की राजधानी तेल अवीव में आया है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार उन्होंने कहा, 'मैं कह सकता हूँ कि यह कुछ ऐसा है जिसे हम बहुत गंभीरता से लेते हैं। हममें से कई लोगों ने पिछले हफ्तों में इसे सीधे भारत सरकार के समक्ष उठाया है। सरकार ने आज घोषणा की कि वह एक जांच कर रही है, और यह अच्छा और सही है। हम नतीजे की प्रतिक्षा कर रहे हैं।'
इससे पहले व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने ब्लिंकन की टिप्पणियों को दोहराया, लेकिन साथ ही उन्होंने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के महत्व पर जोर दिया और मामले को कमतर पेश करने की कोशिश की। उन्होंने कहा, 'भारत एक रणनीतिक साझेदार बना हुआ है, और हम भारत के साथ उस रणनीतिक साझेदारी को बेहतर बनाने और मजबूत करने के लिए काम करना जारी रखेंगे। इन आरोपों और इस जांच को हम बहुत गंभीरता से लेते हैं।'
जॉन किर्बी ने इस मामले पर भारत की प्रतिक्रिया पर कहा कि हमें यह देखकर खुशी हो रही है कि भारत भी इसकी जांच के लिए अपने खुद के प्रयासों की घोषणा करके इसे गंभीरता से ले रहा है।
बता दें कि अभियोग में आरोपी व्यक्ति या भारत सरकार के अधिकारी का नाम नहीं है। फाइनेंशियल टाइम्स ने पिछले हफ्ते एक रिपोर्ट में दावा किया था कि अमेरिका ने पन्नू को मारने की साजिश को नाकाम कर दिया था।
गुरपतवंत सिंह के पास अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता है। अमेरिकी जांच एजेंसियों ने निखिल गुप्ता नामक भारतीय को पकड़ा है जिस पर आरोप है कि भारतीय अधिकारी ने गुप्ता के जरिए अंडर कवर एजेंट भाड़े पर लिए थे और गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की गहरी साजिश अमेरिका में रची जा रही थी। कथित भारतीय अधिकारी द्वारा भेजे गए संदेश पकड़े गए हैं, जिनसे इस साजिश का पता चला। सभी दस्तावेज अमेरिका की मैनहट्टन फेडरल कोर्ट में जमा कराए गए हैं।
गुरपतवंत सिंह पन्नू का नाम तब चर्चा में आया था जब कुछ सिख युवकों ने सिख फॉर जस्टिस यानी एसएफजे बनाई और कानूनी सलाहकार और प्रवक्ता के रूप में पन्नू को नियुक्त किया। एसएफजे ने अपने घोषणापत्र में कहा कि उनकी संस्था का मक़सद भारत में अलग खालिस्तान देश बनाना है। पन्नू के बयानों ने सिर्फ पंजाब में ही नहीं पूरे भारत में हलचल मचा दी। भारत के कई शहरों में खालिस्तानी नारे दिखाई देने लगे और उसके नीचे एसएफजे लिखा होता। इन सारी करतूतों के पीछे एक ही नाम बार-बार सामने आ रहा था, वो था पन्नू का नाम।
भारत में पन्नू के खिलाफ केस दर्ज हुए। 2020 में भारत सरकार ने उसे आतंकवादी के रूप में नामजद किया और उसकी खेती की जमीन को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धारा 51 ए के तहत जब्त कर लिया गया। गुरपतवंत सिंह पन्नू वर्तमान में भारत में राजद्रोह के तीन आरोपों सहित 22 आपराधिक मामलों का सामना कर रहा है।
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