देश में तेज़ी से बढ़ते कोरोना मामलों के बीच कई राज्यों में हालात बेहद चिंताजनक हैं। केंद्र ने गुरुवार को कहा है कि महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, दिल्ली और उत्तर प्रदेश 'चिंता के राज्यों' में से हैं। इन राज्यों में केंद्र से टीमें भेजी गई हैं ताकि संक्रमण को रोकने के लिए बेहतर उपाय अपनाए जा सकें। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं और इस वजह से चुनाव के दौरान हालात के और ज़्यादा ख़राब होने की आशंका बनी हुई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा कि इन चिंताजनक स्थिति वाले राज्यों में केंद्रीय स्वास्थ्य दल भेजे गए हैं और स्थिति की समीक्षा की जा रही है।
स्वास्थ्य सचिव भूषण ने कहा कि कोरोना के सक्रिय केस के मामले में शीर्ष 10 राज्यों में महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, गुजरात, ओडिशा, दिल्ली और राजस्थान शामिल हैं।
इनमें से महाराष्ट्र में 22 प्रतिशत की पॉजिटिविटी दर दर्ज की गई है। कर्नाटक में पॉजिटिविटी दर 15 प्रतिशत से ज़्यादा हो गई है। तमिलनाडु में यह दर 20 और केरल में 32 प्रतिशत है। दिल्ली में यह दर 30 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश में 6 प्रतिशत से अधिक दर्ज की गई है।
सरकार का कहना है कि डेल्टा के मुकाबले ओमिक्रॉन की वजह से हॉस्पिटल में भर्ती होने वालों और जान गंवाने वालों की संख्या बेहद कम है।
देर शाम तक आए आँकड़ों के अनुसार कर्नाटक में पिछले 24 घंटों में 47 हज़ार 754 मामले दर्ज किए गए। इस दौरान 29 लोगों की मौतें हुईं। राज्य में पॉजिटिविटी दर बढ़कर 18.48 फ़ीसदी हो गई है। केरल में आज 46 हज़ार 387 नये मामले सामने आए और इस दौरान 32 लोगों की मौत हुई।
दिल्ली में आज 12 हज़ार 306 नये मामले आए। 24 घंटों में शहर में 43 लोगों की मौतें हुई हैं।
केंद्र सरकार ने कहा है कि 11 राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में 50,000 से अधिक सक्रिय मामले हैं और 515 जिलों में साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर पांच प्रतिशत से अधिक है। पाँच प्रतिशत से अधिक यह दर होने का मतलब होता है कि सचेत होने वाली स्थिति है।
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