प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने बयानों की वजह से एक बार फिर विवादों के घेरे में हैं। तथ्यामक रूप से ग़लत बातें कह कर कई बार मज़ाक का पात्र बन चुके नरेंद्र मोदी ने बालाकोट हवाई हमले को लेकर कहा है कि बादलों की वजह से हवाई जहाज़ रडार की पकड़ में नहीं आते, यह सोच कर उन्होंने हमले का आदेश दे दिया था। सच तो यह है कि रडार इलेक्ट्रॉनिक तरंगों पर काम करता है और वह ख़राब मौसम में भी बहुत दूर मौजूद चीजों को भी बिल्कुल सही ढंग से ट्रैक कर लेता है। दरअसल, उसके कामकाज से मौसम का कोई रिश्ता ही नहीं है।
आइए, हम आपको ऐसी कुछ मिसालें देते हैं जहाँ मोदी ने इस तरह की ग़लत बातें कहीं और उन पर तंज कसे गए।
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होशंगाबाद के इटारसी में पिछले हफ़्ते जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मैथिलीशरण गुप्त के जन्म स्थान को लेकर एक ग़लती कर दी थी। मोदी ने कहा था, ‘इसी धरती पर पैदा हुए मैथिलीशरण गुप्त ने कहा था- नर हो न निराश करो मन को, जग में रह कर कुछ नाम करो। हमारी सरकार इसी रास्ते पर चलती है, कांग्रेस नामदारों की नई पीढ़ी को मज़बूत करने के लिए काम कर रही है। हम देश को मज़बूत करने के लिए काम कर रहे हैं।’
इस ग़लती पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने तंज कसा था। उन्होंने इसको लेकर ट्वीट किया था, ‘आज आपने एमपी के होशंगाबाद के इटारसी में अपनी सभा में राष्ट्र कवि मैथिलीशरण गुप्त का ज़िक्र करते हुए, उन्हें होशंगाबाद का बता दिया। जबकि उनका जन्म 3 अगस्त 1886 को यूपी के चिरगाँव में हुआ था, होशंगाबाद के तो पंडित माखन लाल चतुर्वेदी थे। सोचा आपकी जानकारी दुरुस्त कर दूँ।’
तक्षशिला बिहार में है...?
23 अक्टूबर 2013 को जब नरेंद्र मोदी ने पटना में एक रैली को संबोधित किया था तब उन्होंने कहा था, 'नालंदा और तक्षशिला जैसे शिक्षण संस्थान बिहार के गौरव रहे हैं।' जबकि तथ्य यह है कि तक्षशिला भारत में ही नहीं है। यह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में है।बिहार में हारा था सिकंदर...?
पटना की इसी रैली में मोदी ने कहा था, ‘बिहार इतना गौरवशाली है कि उसने सिकंदर महान की सेना को भी हरा दिया था। सिकंदर ने पूरी दुनिया जीत ली थी। लेकिन जब वह बिहार पहुँचा और बिहारियों से पंगा लिया तो उसका क्या हश्र हुआ। वह यहाँ आकर हार गया।’
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