प्रियंका गाँधी के कांग्रेस से चुनाव मैदान में न उतरने और फिर सीमा सुरक्षा बल में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाने पर बर्खास्त होने वाले सिपाही तेज़ बहादुर का सपा प्रत्याशी के तौर नामांकन रद्द होने से बनारस का चुनाव बेरंग और बेरस हो गया है। कम से कम बाहर तो यही माना जा रहा है कि अब बनारस में प्रधानमंत्री मोदी को टक्कर नहीं मिल रही है और उनकी जीत आसानी से होगी। ख़ुद बनारस में और समूचे उत्तर प्रदेश में जीत के अंतर को लेकर बहस चल रही है। लोगों के बीच चर्चा है कि मैनपुरी, बनारस और रायबरेली में कहाँ जीत का फ़ासला सबसे ज़्यादा रहने वाला है। इन तीनों ही सीटों पर मुलायम सिंह यादव, नरेंद्र मोदी और सोनिया गाँधी की जीत लगभग तय मानी जा रही है।