दुनियाभर में मशहूर लेखिका और कार्यकर्ता अरुंधति रॉय के खिलाफ सरकार की कार्रवाई का विरोध शुरू हो गया है। केंद्र सरकार के तहत काम करने वाले दिल्ली के उपराज्यपाल ने एक दशक से भी ज्यादा पुराने मामले में अरुंधति पर आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए यानी गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है। यूएपीए वही कानून है जिसमें इस समय उमर खालिद, शरजील इमाम, खालिद सैफी जैसी युवा आंदोलनकारी नेता जेलों में बंद हैं। जिनकी किसी अदालत से जमानत तक नहीं हो रही है। कुछ को तीन साल हो चुके हैं, कुछ को चार हो चुके हैं।
अरुंधति रॉय पर UAPA: सिविल सोसाइटी ने तानाशाही की याद दिलाई
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- 29 Mar, 2025
सुप्रसिद्ध लेखिका अरुंधति रॉय के खिलाफ यूएपीए में मुकदमा चलाने की अनुमति देने के लिए सरकार की चौतरफा निन्दा हो रही है। जहां राजनीतिक दलों ने इसका विरोध किया है, वहीं सिविल सोसाइटी के लोगों ने सरकार की तानाशाही प्रवृत्ति की याद दिलाई है। जानिए किसने क्या कहाः
