ट्विटर को लेकर इसके पूर्व सीईओ जैक डोर्सी के एक बयान से भारत में फिर से हंगामा मच गया है। डोर्सी ने आरोप लगाया है कि कुछ ट्विटर खातों और ट्वीट को हटाए जाने को लेकर मोदी सरकार ट्विटर पर दबाव डाल रही थी। इस पर कांग्रेस सहित तमाम विपक्ष ने जोरदार हमला किया। डोर्सी का बयान मुद्दा बना तो सरकार ने जैक डोर्सी के बयान को सफेद झूठ क़रार दे दिया। तो सवाल है कि क्या सच में जैक डोर्सी झूठ बोल रहे हैं? या फिर सरकार?
पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने जैक डोर्सी के इंटरव्यू पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि डोर्सी के पास झूठ बोलने की कोई वजह नहीं है लेकिन सरकार के पास है। उन्होंने ट्वीट किया, "ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी ने कहा, बीजेपी सरकार ने किसान आंदोलन के दौरान डराया कि भारत में ट्विटर के दफ़्तर बंद करवा दिए जाएंगे। भारत में ट्विटर के कर्मचारियों के घर छापे मारे गए। मंत्री ने दावे से इनकार किया है। एक के पास झूठ बोलने की कोई वजह नहीं है। दूसरे के पास झूठ बोलने की सारी वजहें हैं।"
Jack Dorsey
— Kapil Sibal (@KapilSibal) June 13, 2023
Ex-Twitter CEO said :
BJP government during farmers protests threatened :
To shut down Twitter-India offices
Raid homes of Twitter-India employees
Minister denies
Some have no reason to lie
Others every reason to lie !
यूट्यूब चैनल ब्रेकिंग पॉइंट्स में एक इंटरव्यू में जैक डोर्सी ने कहा है कि ट्विटर को किसानों के विरोध और सरकार की आलोचना करने वाले खातों को ब्लॉक करने के लिए भारत सरकार से कई अनुरोध मिले थे। उन्होंने यह भी कहा है कि ट्विटर को बंद करने और भारत में उसके कर्मचारियों के घरों पर छापे मारने की धमकी दी गई थी।
इंटरव्यू में जब उनसे ट्विटर प्रमुख के रूप में विदेशी सरकारों के दबाव के बारे में पूछा गया, तो डोर्सी ने भारत का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, "भारत एक ऐसा देश है जिसने किसान आंदोलन के दौरान हमसे कई अनुरोध किए, कुछ विशेष पत्रकार जो सरकार के आलोचक थे उनके ट्विटर हैंडल को बैन करने को कहा था। ऐसा न करने पर 'हम भारत में ट्विटर को बंद कर देंगे' जैसी धमकियां दी गईं। आप जानते हैं भारत हमारे लिए एक बहुत बड़ा बाजार है। भारत सरकार ने हमें धमकी दी कि 'हम आपके कर्मचारियों के घरों पर छापा मारेंगे, हम आपके दफ्तरों को बंद कर देंगे'।"
ट्विटर के फाउन्डर और पूर्व CEO जैक डोर्सी ने खुलासा किया है कि मोदी सरकार ने उन्हें धमकाया- अगर किसान आंदोलन दिखाया तो ट्विटर के ऑफिस और कर्मचारियों के घर पर छापे पड़ेंगे। ट्विटर को भारत में बैन कर दिया जाएगा।
— Congress (@INCIndia) June 13, 2023
जब देश के किसान अपने हक की लड़ाई लड़ रहे थे, तो PM मोदी उनकी आवाज… pic.twitter.com/QXlND0uhav
Modi Govt. forced twitter to👇
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) June 13, 2023
▪️Shut down accounts of Farmers & Farmer’s movement,
▪️Shut down accounts of journalists critical of Govt,
OR
Twitter and its employees would be raided.
This is what Twitter Co Founder and Ex CEO Jack Dorsey admits in a TV… pic.twitter.com/OmpSHl8RlI
"During farmer protest, Modi govt pressurized us and said we will shut down your offices, raid your employees' homes, which they did if you don’t follow suit."
— Mahua Moitra Fans (@MahuaMoitraFans) June 12, 2023
- Jack Dorsey, former Twitter CEO pic.twitter.com/jWy44EEMIM
कुछ लोग आपको जैक डोर्सी के मामले में राहुल गांधी जी का नाम लेकर या फोटो दिखाकर भ्रमित कर सकते हैं।
— Jaiky Yadav (@JaikyYadav16) June 13, 2023
सच तो ये है देखिए मोदी जी के कितने अच्छे संबंध हैं जैक डोर्सी से। pic.twitter.com/BZXuDIzCeQ
ट्विटर के सह संस्थापक के आरोपों पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है, 'भारत दुनिया का सबसे बड़ा और पारदर्शी लोकतंत्र है। भारत में जब भी चुनाव नज़दीक होते हैं तो कुछ विदेशी ताक़तें और यहाँ उनके एजेंट एक योजनाबद्ध तरीक़े से देश को अस्थिर व बदनाम करने के लिए सक्रिय होते हैं। जैक डोर्सी सफ़ेद झूठ बोल रहे हैं। ट्विटर के टेकओवर पर ट्विटर फ़ाइल्स को लेकर उनके पक्षपात, छेड़खानी व दुर्भावना पर जो खुलासे हुए, उस पर आज तक उन्होंने जवाब क्यों नहीं दिया?'
केंद्रीय आईटी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने जैक डोर्सी पर झूठ बोलने का आरोप लगाया। केंद्रीय मंत्री ने डोर्सी के सारे आरोपों को खारिज कर दिया।
This is an outright lie by @jack - perhaps an attempt to brush out that very dubious period of twitters history
— Rajeev Chandrasekhar 🇮🇳 (@Rajeev_GoI) June 13, 2023
Facts and truth@twitter undr Dorsey n his team were in repeated n continuous violations of India law. As a matter of fact they were in non-compliance with law… https://t.co/SlzmTcS3Fa
रविशंकर प्रसाद ने पत्रकारों से कहा कि ट्विटर अमेरिकी कांग्रेस और ब्रिटिश संसद में पेश होता है लेकिन भारत की संसदीय समिति के सामने पेश नहीं होते। उन्होंने कहा कि वो हमारे नियम नहीं मानते थे। उन्होंने कहा, 'हमने कहा था कि आप अपने अकाउंट को वेरीफाई कीजिए। कई बार अनवेरीफाइड अकाउंट से पाकिस्तान से ट्वीट होता था जो आतंकवादियों के समर्थन में होता था। भारत एक लोकतंत्र है लेकिन भारत का क़ानून मानना होगा।'
उन्होंने यह भी कहा, 'जैक डोर्सी का दावा गलत है। अगर लाल किले पर तिरंगे का अपमान किया गया, जो सच है और अगर उस कंटेंट को रोकने को कहा गया तो इसमें क्या गलत है। पहले उन्होंने कहा ये फ्रीडम ऑफ़ एक्सप्रेशन है बाद में वो हमारी बात माने। ट्विटर पर महिलाओं की आपत्तिजनक तस्वीरें परोसी जा रही थी उस पर कार्रवाई नहीं हो रही थी। हमने कहा आपको कार्रवाई करनी होगी।'
Jack Dorsey, former Twitter CEO, speaks about the challenges he faced from Govts across the world, including India and the United States… It is not surprising, because under Dorsey, Twitter had turned rouge, disregarding laws of the sovereigns they operated in, muzzling freedom… pic.twitter.com/dfcWVEXNQb
— Amit Malviya (@amitmalviya) June 13, 2023
बता दें कि पिछले साल जून-जुलाई के दौरान बड़े पैमाने पर ट्वीट हटाए जाने का मामला सामने आया था। ट्विटर इतने बड़े पैमाने पर ट्वीट हटाने को तैयार नहीं था। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ट्वारा ट्वीट और ट्विटर खातों पर कार्रवाई के ख़िलाफ़ ट्विटर ने कर्नाटक हाई कोर्ट का रुख किया था। इसने मंत्रालय की कार्रवाई के तौर-तरीक़ों पर सवाल उठाया था।
ट्विटर ने पिछले साल जून महीने की शुरुआत में अदालत को बताया था कि मंत्रालय कंपनी को किसी खास ट्वीट के बारे में जानकादी दिए बिना पूरे खातों को ब्लॉक करने के आदेश जारी कर रहा था। कंपनी ने कहा था कि ऐसे आदेश जारी करने के मामले बढ़ रहे हैं। तब ट्विटर की आपत्ति थी कि मंत्रालय किसी खास ट्वीट के बारे में जानकारी नहीं देता था कि आख़िर उसमें क्या आपत्तिजनक है और किन वजहों से पूरे खातों को ब्लॉक किया जाए। कंपनी ने कहा था, 'कई यूआरएल में राजनीतिक और पत्रकारिता संबंधी सामग्री होती है। इस तरह की जानकारी को ब्लॉक करना प्लेटफॉर्म के यूज़रों को दी गई अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का घोर उल्लंघन है।'
बता दें कि ट्विटर द्वारा पिछले साल जुलाई में अदालत का रुख किए जाने से पहले जून महीने में केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर से कई पत्रकारों, राजनेताओं और किसान आंदोलन के समर्थकों के ट्विटर अकाउंट ब्लॉक करने के लिए कहा था। इस बात की जानकारी ट्विटर द्वारा 26 जून को जमा किए गए एक दस्तावेज से सामने आई थी। इस संबंध में केंद्र सरकार की ओर से 5 जनवरी 2021 और 29 दिसंबर 2021 के बीच में ट्विटर से अनुरोध किया गया था। तब यह ख़बर न्यूज़ एजेंसी पीटीआई ने ट्विटर द्वारा ल्यूमेन डेटाबेस में जमा किए गए दस्तावेज के हवाले से दी थी।
पिछले साल ही ट्विटर ने कहा था कि भारत ने उसके प्लेटफार्म पर सक्रिय पत्रकारों और न्यूज आउटलेट्स के कंटेंट हटाने को लेकर दुनिया भर में सबसे ज्यादा लीगल डिमांड्स की थी। ट्विटर ने कहा था कि यह लीगल डिमांड जुलाई से दिसंबर 2021 के बीच में की गई थी। सोशल मीडिया कंपनी ने कहा था कि भारत उन 5 देशों में शामिल है जिन्होंने ट्विटर को कंटेंट ब्लॉक करने का आदेश दिया। ट्विटर ने पिछले साल जारी अपनी ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट में यह बात कही थी।
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