सांसद महुआ मोइत्रा ने आज संसद में एक बड़ा सवाल उठाया- 'अब पप्पू कौन है?' उन्होंने नोटबंदी से लेकर ईडी की कार्रवाई और अर्थव्यवस्था की हालत तक पर गंभीर सवाल उठाए और पूछा कि 'बताएँ कि अब पप्पू कौन है?' 'पप्पू' कहने से उनका क्या मतलब था, इसका भी उन्होंने अपने भाषण में जवाब दिया। मोइत्रा ने कहा कि यह शब्द सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा 'निंदा करने, अत्यधिक अक्षमता को दर्शाने' के लिए गढ़ा गया था। उन्होंने कहा कि 'मुझे आँकड़े बताने दीजिए ताकि पता चले कि वास्तव में पप्पू कौन है?'
तृणमूल कांग्रेस सांसद ने बीजेपी सरकार पर अक्षम होने का आरोप लगाते हुए औद्योगिक उत्पादन, विनिर्माण क्षेत्र के प्रदर्शन और भारत छोड़ने वाले लोगों की संख्या पर कई सवाल किए। उन्होंने बार-बार पूछा कि 'अब पप्पू कौन है?'
This is the question that India needs to answer @MahuaMoitra ji 👏 pic.twitter.com/ZqAhC2WZxw
— pawan (@Pa_wan99) December 13, 2022
महुआ ने मंगलवार को औद्योगिक उत्पादन पर सरकार के ही आंकड़ों का हवाला देते हुए आर्थिक प्रगति के उसके दावों पर हमला किया। उन्होंने कहा कि हर फरवरी में सरकार ने लोगों को विश्वास दिलाया कि अर्थव्यवस्था बहुत अच्छा कर रही है, और सभी को गैस सिलेंडर, आवास और बिजली जैसी सभी बुनियादी सुविधाएँ मिल रही हैं, लेकिन ये दावे झूठे हैं। उन्होंने कहा कि आठ महीने बाद अब दिसंबर में सच्चाई सामने आने लगी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कहा है कि उसे बजट अनुमान के अलावा 3.26 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि की ज़रूरत है।
2022-23 के लिए अतिरिक्त अनुदान की मांगों पर लोकसभा की बहस में मोइत्रा ने नरेंद्र मोदी सरकार पर भारत के विकास के बारे में 'झूठ' फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि अर्थव्यवस्था गिर रही है।
टीएमसी सांसद ने कहा कि बजट में अतिरिक्त व्यय का प्रावधान राजकोषीय घाटे को बढ़ा देगा और राजकोषीय घाटे को नियंत्रित करने का सरकार का अपना ही लक्ष्य पूरा नहीं होगा। सोमवार को जारी एनएसओ के आँकड़ों के मुताबिक़ अक्टूबर में औद्योगिक उत्पादन 4 फीसदी सिकुड़कर 26 महीने के निचले स्तर पर आ गया। नौकरियाँ पैदा करने वाला विनिर्माण क्षेत्र 5.6% सिकुड़ा, जबकि औद्योगिक उत्पादन सूचकांक वाले 17 उद्योग क्षेत्रों में नकारात्मक वृद्धि दर दर्ज की गई। मोइत्रा ने कहा कि सिर्फ एक साल के भीतर विदेशी मुद्रा भंडार में 72 अरब डॉलर की गिरावट आई है।
मोइत्रा ने हाल ही में संपन्न हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार को लेकर भी निशाना साधा और कहा कि सत्ताधारी पार्टी के अध्यक्ष अपने गृह राज्य में सत्ता बरकरार नहीं रख पाए। उन्होंने पूछा, 'अब पप्पू कौन है?'
सांसद ने सरकार द्वारा साझा किए गए आँकड़ों के बारे में भी बात की। उस आँकड़े में कहा गया है कि मोदी सरकार के पिछले नौ वर्षों में नागरिकता छोड़ने वालों की संख्या लगभग 12.5 लाख है। उन्होंने पूछा, 'क्या यह एक स्वस्थ आर्थिक और कर वातावरण का संकेत है? अब पप्पू कौन है?'
टीएमसी सांसद ने अपनी पार्टी सहित विपक्षी नेताओं के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय जैसी सरकारी एजेंसियों द्वारा शुरू की गई जांच पर भी सवाल उठाया। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, 'सत्तारूढ़ दल सांसदों को सैकड़ों करोड़ रुपये नकद में खरीदता है और फिर भी ईडी द्वारा जाँच किए जा रहे सदस्यों में से 95 फ़ीसदी सांसद विपक्ष के सदस्य हैं… क्या ईडी का उद्देश्य केवल नागरिकों को परेशान करना है या वास्तव में वित्तीय अपराधों के अपराधियों को ट्रैक करना और दंडित करना है? अक्षमता का यह स्तर क्या है? अब पप्पू कौन है?'
विपक्षी दलों की जोरदार वाहवाही के बीच मोइत्रा ने एक दोहा सुनाया, 'सवाल ये नहीं कि बस्तियाँ कितनी जलीं, सवाल ये है कि पागल के हाथ में माचिस किसने दी।'
इससे पहले मोइत्रा ने लेखक जोनाथन स्विफ्ट के एक कथन से अपने भाषण की शुरुआत की थी। उन्होंने उनको कोट करते हुए कहा, 'जिस प्रकार सबसे निकृष्ट लेखक के भी अपने पाठक होते हैं, उसी प्रकार सबसे बड़े झूठे को विश्वास करने वाले होते हैं। और अक्सर ऐसा होता है, कि यदि किसी झूठ पर केवल एक घंटे के लिए विश्वास किया जाए, तो वह अपना काम कर चुका होता है, और इसके लिए और कोई दूसरा अवसर नहीं होता है। झूठ तेजी से फैलता है और सच्चाई इसके बाद लड़खड़ाती हुई आती है।'
अपनी राय बतायें