loader

'टाइम' का यू-टर्न, अब मोदी को बताया ‘भारत को एकजुट करने वाला’

लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की ज़बरदस्त जीत के बाद मशहूर अमेरिकी पत्रिका ‘टाइम’ के सुर बदले हुए हैं। मोदी को ‘डिवाइनडर-इन-चीफ़’ बताते हुए उन पर विवादास्पद कवर स्टोरी करने के बाद ही चुनाव हुए, जिनमें भारतीय जनता पार्टी ने अपूर्व कामयाबी हासिल कर ली। इसके बाद इस अमेरिकी पत्रिका ने एक भारतीय का लेख छापा है, जिसमें कहा गया है, ‘मोदी ने जिस तरह भारत को एकजुट किया, वैसा दशकों से किसी प्रधानमंत्री ने नहीं किया था।’ मंगलवार को टाइम के डिजिटल संस्करण में पूछा गया कि ‘कैसे एक विभाजनकारी समझे जाने वाले व्यक्ति ने सत्ता बरक़रार ही नहीं रखी, बल्कि अपना आधार भी बढ़ा लिया।’ इसके जवाब में कहा गया कि ‘वह वर्ग विभेद जैसी विभाजनकारी चीजों से ऊपर उठ गए।’

'मोदी हैं प्रेरणा स्रोत'

‘टाइम’ में छपे लेख के लेखक मनोज लाडवा का कहना है कि ‘दूसरी बार मोदी की जीत देश के ग़रीबों के लिए चलाई गई कल्याणकारी नीतियों की वजह से पैदा हुए मौक़ों और प्रतिभा का नतीजा है।’ वह इस पर भी ज़ोर देते हैं कि ‘किस तरह भारत के सबसे वंचित सामाजिक समूहों में से एक से निकल कर प्रधानमंत्री बनना लोगों के लिए प्रेरणा की बात है।’ लाडवा 2016 के नोटबंदी को ‘अल्प अवधि के लिए दर्दनाक’ बताते हुए मोदी की तारीफ़ करते हैं कि ‘इससे लंबे समय के लिए फ़ायदा हुआ’, क्योंकि इससे ‘भुगतान का डिजिटाइजेशन हुआ जिससे ग़रीबों की सशक्तीकरण हुआ।’ इससे कर राजस्व में बढ़ोतरी हुई और जन धन जैसी योजना शुरू की गई। 
देश से और खबरें
मनोज लाडवा ब्रिटेन की कंपनी इंडिया इंक के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं। उन्होंने लिखा, ‘मोदी ने सामाजिक रूप से प्रगतिशील नीतियों के ज़रिए भारतीयों को जिनमें हिन्दू और धार्मिक रूप से अल्पसंख्यक भी शामिल हैं, उन्हें तेज़ गति से ग़रीबी से बाहर निकाल लाए, इतनी रफ़्तार से उनकी पहले की पीढ़ियों में ऐसा नहीं हुआ था।’

इसके पहले लेखक आतिश तासीर ने टाइम पत्रिका में छपे एक लेख में लिखा था कि ‘मोदी सरकार में उदारवादियों से लेकर निचली जातियों तक, मुसलिमों से ईसाइयों तक, सब पर हमले हुए हैं। इस सरकार ने भारत को बौद्धिकता विरोधी दिशा में धकेला है।’

विपक्षी दलों ने चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी और नरेंद्र मोदी पर हमला करने के लिए इस लेख को लपक लिया था।

'छवि ख़राब करने की कोशिश'

बीजेपी ने ‘टाइम’ के लेख को प्रधानमंत्री मोदी की छवि ख़राब करने की कोशिश क़रार दिया था। उसने यह आरोप भी लगाया था कि तासीर पाकिस्तान के अजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं। आतिश तासीर की माँ तवलीन सिंह भारतीय पत्रकार हैं, उनके पिता सलमान तासीर पाकिस्तान के राजनेता थे और पाकिस्तानी पंजाब के गवर्नर पद पर रह चुके थे। उन्होंने पाकिस्तान के ईशनिंदा क़ानून में संशोधन का प्रस्ताव दिया था, जिसके बाद उनके अंगरक्षक ने ही गोली मार कर उनकी हत्या कर दी थी। आतिश तासीर ने कई मुद्दों पर पाकिस्तान की आलोचना की है।
चुनाव के अंतिम चरण के एक दिन पहले 18 मई को प्रधान मंत्री ने कहा था, 'टाइम पत्रिका विदेशी है, लेखक भी पाकिस्तान के राजनीतिक परिवार से हैं। यह उनकी विश्वसनीयता के लिए काफ़ी है।'  

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रिमंडल के सदस्य गुरुवार को शपथ लेंगे। उन्होंने अपनी अगली सरकार के बारे में कहा, सबका साथ सबका विकास, सबका विश्वास। उन्होंने इसके साथ ही एनडीए के लोगों से कहा कि वे अल्पसंख्यकों का विश्वास जीतें।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें