आईएएस कैडर नियमों में प्रस्तावित बदलाव का तेलंगाना ने भी विरोध किया है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि यह एक ख़तरनाक क़दम है। उन्होंने कहा है कि आईएएस नियमों में एकतरफ़ा बदलाव लाने की कोशिश संवैधानिक ढाँचे और संघवाद के ख़िलाफ़ है। राव ने केंद्र से आईएएस कैडर नियमों में प्रस्तावित संशोधनों को हटाने का आग्रह किया है।
इससे पहले केरल, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, ओडिशा जैसे ग़ैर-भाजपा शासित राज्यों ने भी केंद्र को पत्र लिखकर प्रस्तावित संशोधनों का विरोध किया है और उसे वापस लेने की मांग की है।
राज्य इसलिए विरोध कर रहे हैं क्योंकि ये बदलाव आईएएस अधिकारियों की पोस्टिंग पर निर्णय लेने के लिए केंद्र को व्यापक अधिकार देते हैं। केंद्र की ओर से इस प्रस्तावित बदलाव को लेकर राज्यों को जवाब देने की समय सीमा 5 जनवरी से बढ़ाकर 25 जनवरी कर दी गई है। इसी की प्रतिक्रिया में राज्य प्रधानमंत्री को पत्र लिख रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी को लिखे अपने पत्र में के चंद्रशेखर राव ने अखिल भारतीय सेवा (कैडर) नियम, 1954 में प्रस्तावित बदलावों के ख़िलाफ़ कड़ा विरोध व्यक्त किया है।
उन्होंने कहा, 'प्रस्तावित संशोधन उपरोक्त स्थिति को एकतरफ़ा रूप से भंग करने का प्रयास करता है, केंद्र सरकार संबंधित अधिकारियों या राज्य सरकार की सहमति के बिना प्रतिनियुक्ति पर लेने की शक्ति ग्रहण करती है। यह एक ख़तरनाक क़दम है जो संवैधानिक ढांचे और सहकारी संघवाद की भावना के ख़िलाफ़ है।'
CM Sri KCR in a letter to the Prime Minister @NarendraModi ji has expressed strong protest against the proposed amendments to the All India Services (Cadre) Rules stating that the extant provisions are adequate to ensure harmonious and balanced deployment of officers. pic.twitter.com/ZFay0Dmjjg
— Telangana CMO (@TelanganaCMO) January 24, 2022
राव ने लिखा है कि प्रस्तावित संशोधन आईएएस, आईपीएस और आईएफ़एस के अखिल भारतीय सेवा के स्वरूप को भी गंभीर रूप से नष्ट कर देंगे।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित संशोधन प्रभावी होते हैं तो राज्य सरकारें महत्वहीन संस्थाओं के रूप में बन जाएंगी।
एक दिन पहले ही रविवार को केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी ऐसा ही विरोध जताया है। स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे एक पत्र में कहा है कि केंद्र द्वारा प्रस्तावित आईएएस कैडर नियमों में संशोधन देश की संघीय व्यवस्था और राज्य की स्वायत्तता की जड़ पर प्रहार करते हैं।
विजयन ने भी इसी तरह का एक पत्र भेजा है जिसमें केंद्र सरकार से इस कदम को त्यागने का आग्रह करते हुए कहा गया कि यह राज्य सरकार की नीतियों को लागू करने में सिविल सेवा अधिकारियों के बीच भय की मनोविकृति पैदा करेगा।
इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कहा था, 'यह हमारे संघीय ताने-बाने और हमारे संविधान के बुनियादी ढांचे को भी नष्ट करने वाला है। यह हमारा संविधान है जो राज्यों को उनकी शक्तियां और कार्य देता है और यह हमारा संविधान है जो अखिल भारतीय सेवाओं की रूपरेखा और संरचना देता है जैसा कि वे मौजूद हैं। केंद्र सरकार ने अब जिस तेजी से एकतरफा प्रस्ताव रखा है, वह उस ढांचे की जड़ पर प्रहार करेगा जो हमारे लोकतंत्र की स्थापना के बाद से मौजूद है और अच्छी तरह से काम करता रहा है।'
अपनी राय बतायें