शायद मोदी सरकार को यह उम्मीद नहीं रही होगी कि नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ विपक्षी राजनीतिक दलों से लेकर आम लोग और छात्र भी बड़ी संख्या में सड़कों पर उतर जाएंगे। भारत ही नहीं विदेशों में रहने वाले कुछ भारतीयों ने इस क़ानून के विरोध में आवाज़ उठाई है। लगातार प्रदर्शनों और इनमें हो रही हिंसा के बाद केंद्र सरकार के एक मंत्री ने कहा है कि प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुक़सान पहुंचाने वालों को मौक़े पर ही गोली मार देनी चाहिए।