क्या भारत में अब सैकड़ों साल पुरानी और मिथकीय न्याय प्रणाली लागू की जाएगी? क्या अब मनु, चाणक्य व याज्ञवल्क्य के रास्ते पर चल कर न्याय दिया जाएगा? क्या नारद व बृहस्पति जैसे मिथकीय चरित्रों के बताए राह पर चल कर न्यायालय अपने फ़ैसले देंगे?
सुप्रीम कोर्ट के जज ने कहा, मनु की प्राचीन न्याय प्रणाली भारत के लिए बेहतर
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- 27 Dec, 2021
सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस एस. अब्दुल नज़ीर को ऐसा क्यों लगता है कि मौजूदा भारतीय न्याय प्रणाली औपनिवेशिक है और मनु व चाणक्य की न्याय पद्धित बेहतर थी?

यह बात काल्पनिक भले लगे, पर सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस एस. अब्दुल नज़ीर का तो यही मानना है। उन्होंने रविवार को अखिल भारतीय अधिवक्ता महासंघ के राष्ट्रीय परिषद के एक कार्यक्रम में कहा कि क़ानून के छात्रों को औपनिवेशिक मानसिकता से बाहर निकालने के लिए यह ज़रूरी है कि उन्हें मनु, चाणक्य व बृहस्पति की विकसित की हुई न्याय प्रणाली के बारे में पढ़ाया जाए।
उन्होंने मौजूदा न्याय प्रणाली के बारे में कहा,