loader

आरएसएस-एसडीपीआई में गैंगवॉर, राजनीतिक हत्याओं का खतरनाक ट्रेंड

क्या केरल में आरएसएस और भारतीय सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (एसडीपीआई) में गैंगवॉर शुरू हो गया है? केरल की एक स्थानीय कोर्ट में दाखिल रिमांड रिपोर्ट में यह बात कही गई है कि दोनों संगठन एक दूसरे के राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्या में लिप्त हैं।  

केरल पुलिस की इस रिमांड रिपोर्ट में अगर सच्चाई है तो देश में राजनीतिक हत्याओं का खतरनाक ट्रेंड उभरने का खतरा पैदा हो गया।

केरल में फिलहाल अलपुझा ऐसी राजनीतिक हत्याओं का केंद्र बना हुआ है।  

अलपुझा में 18 दिसम्बर को एसडीपीआई के राज्य सचिव के. एस. शान की हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने इसकी जांच के दौरान कई आरएसएस कार्यकर्ताओं को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था।

ताजा ख़बरें
Dangerous trend of gang war, political killings in RSS-SDPI - Satya Hindi

क्या है पूरी राम कहानी

अलपुझा पुलिस की रिमांड रिपोर्ट के मुताबिक फरवरी में नंदू कृष्णा की हत्या फरवरी 2021 में कर दी गई थी। उस समय से संघ के कुछ नेता और कार्यकर्ता इस हत्या का बदला लेने के लिए सक्रिय थे।

आरोप है कि संघ के कुछ नेताओं ने शान की हत्या के लिए एक गैंग की मदद ली।

18 दिसम्बर को शान की हत्या कर दी गई। आरएसएस ने गैंग के आरोपियों को अपने घरों में पनाह दी। काफी दिनों तक उन्हें अपने घरों में छिपाए रखा। 

पुलिस ने रिमांड रिपोर्ट अलपुझा की कोर्ट में दाखिल करते हुए कहा है कि शान की हत्या आरएसएस कार्यकर्ता की नंदू कृष्णा की हत्या का बदला लेने के लिए की गई थी।


रिमांड रिपोर्ट के मुताबिक जांच के दौरान पुलिस ने शान की हत्या के आरोप में  14 लोगों को गिरफ्तार किया। ये सभी आरएसएस के लोग थे। इनमें से सिर्फ 5 लोग ऐसे थे जो उस गैंग से जुड़े थे, जिन्होंने शान की हत्या की थी। 

तो रंजीत की हत्या में कौन शामिल

18 दिसम्बर को शान की हत्या के चंद घंटों बाद ही 19 दिसम्बर की सुबह अलपुझा में ही बीजेपी ओबीसी मोर्चा के सचिव और पेशे से वकील रंजीत श्रीनिवास की हत्या उनके घर पर कर दी गई। बीजेपी नेताओं ने फौरन बयान देकर आरोप लगाया कि एसडीपीआई के लोग रंजीत की हत्या में शामिल हैं।

पुलिस ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है कि रंजीत की हत्या में एसडीपीआई के लोग शामिल हैं। लेकिन उसने 5 ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने रंजीत की हत्या करने वालों की मदद की थी। सारी सूचनाएं दी थीं। इन लोगों का संबंध एसडीपीआई से बताया जाता है।

बीजेपी के आरोप

केरल के बीजेपी और आरएसएस नेताओं ने कल राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से मुलाकात कर आरोप लगाया कि पुलिस आरएसएस-बीजेपी नेताओं से भेदभाव कर रही है। अभी तक उसके 22 लोगों को कई हत्याकांड में गिरफ्तार किया जा चुका है।

बीजेपी का आरोप है कि अलपुझा में ओबीसी मोर्चा के सचिव रंजीत श्रीनिवास की हत्या में पक्षपात किया जा रहा है। वो एसडीपीआई पर कार्रवाई नहीं कर रही है, जबकि उस संगठन के लोग इस हत्या में शामिल हैं।

पुलिस पहले ही एसडीपीआई से कथित तौर पर जुड़े 5 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।

राजनीतिक हत्याओं का ट्रेंड

पुलिस रिपोर्ट बता रही है कि केरल में राजनीतिक हत्याओं का खतरनाक ट्रेंड उभर रहा है। लेकिन अगर यह बढ़ा तो स्थिति गंभीर हो जाएगी।

हालांकि राजनीतिक हत्याएं नई नहीं है। देश के आजाद होते ही महात्मा गांधी की हत्या हिन्दू महासभा और सावरकर से जुड़े नाथूराम गोडसे ने की थी। इस समय गोडसे और सावरकर को तमाम दक्षिणपंथी संगठन ''महान'' बनाने और बताने में जुटे हैं।

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या कमोबेश राजनीतिक ही थी, जिसमें एक विचारधारा विशेष से प्रभावित होकर उन्हें उनके ही सुरक्षाकर्मियों ने गोलियों से भून दिया था। 

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या में लिट्टे नामक संगठन के लोग पकड़े गए और दोषी करार दिए गए। लिट्टे श्रीलंका में तमिलों के लिए आंदोलन चला रहा था।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

राजनीति से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें