सुप्रीम कोर्ट ने गुरूवार को पूछा है कि देश के आज़ाद होने के 75 साल बाद भी क्या राजद्रोह के क़ानून की ज़रूरत है। अदालत ने कहा है कि वह इस क़ानून की वैधता को जांचेगी और इस मामले में केंद्र सरकार का जवाब भी मांगेगी। अदालत ने कहा कि यह क़ानून औपनिवेशिक है और ब्रिटिश काल में बना था।
संस्थानों के कामकाज के लिए गंभीर ख़तरा है राजद्रोह का क़ानून: कोर्ट
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- 16 Jul, 2021
सुप्रीम कोर्ट ने गुरूवार को कहा है कि राजद्रोह का क़ानून औपनिवेशिक है और यह ब्रिटिश काल में बना था।

मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि इस क़ानून को लेकर विवाद यह है कि यह औपनिवेशिक है और इसी तरह के क़ानून का इस्तेमाल अंग्रेजों ने महात्मा गांधी को चुप कराने के लिए किया था।