सुप्रीम कोर्ट ने गुरूवार को पूछा है कि देश के आज़ाद होने के 75 साल बाद भी क्या राजद्रोह के क़ानून की ज़रूरत है। अदालत ने कहा है कि वह इस क़ानून की वैधता को जांचेगी और इस मामले में केंद्र सरकार का जवाब भी मांगेगी। अदालत ने कहा कि यह क़ानून औपनिवेशिक है और ब्रिटिश काल में बना था।