सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल विस्टा प्रोटेक्ट के तहत एक भूखंड के भूमि उपयोग में बदलाव को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। उस भूखंड पर भारत के उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नए आधिकारिक आवास बनाए जाने हैं। इसी को लेकर एक याचिका में दावा किया गया था कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट एक 'सार्वजनिक मनोरंजन' के क्षेत्र को प्रभावित करेगा। लेकिन इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर चीज की आलोचना की जा सकती है लेकिन रचनात्मक आलोचना होनी चाहिए।
सेंट्रल विस्टा- क्या आम लोगों से पूछेंगे कि उपराष्ट्रपति आवास कहाँ हो: सुप्रीम कोर्ट
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- 23 Nov, 2021
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को चुनौती देने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने क्यों खारिज किया? जानिए, 'सार्वजनिक मनोरंजन' का क्षेत्र प्रभावित होने की दलील पर कोर्ट ने क्या कहा।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मामला याचिकाकर्ता का नहीं है कि ऐसा करने के अधिकार के बिना परियोजना शुरू की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि यह नीतिगत मामला है और याचिकाकर्ताओं ने कोई दुर्भावना वाली मंशा की शिकायत नहीं की है, इसलिए कोर्ट इस पर विचार करने को तैयार नहीं है।