मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एस. ए. बोबडे के खंडपीठ ने इस परियोजना पर रोक लगाने से यह कह कर इनकार कर दिया कि कोरोना संकट के समय इस पर कुछ हो नहीं रहा है, कोई जल्दबाजी नहीं है, वे इस पर बाद में सुनवाई करेंगे।
क्यों हो रहा विरोध?
सेंटर विस्टा प्रोजेक्ट नामक इस परियोजना के तहत नया संसद भवन और केंद्र सरकार के कई दफ़्तर बनाए जाने हैं। इस पर 20 हज़ार करोड़ रुपए का खर्च आएगा। यह परियोजना शुरू होने के पहले ही विवादों में है।
इसका यह कह कर विरोध किया जा रहा है कि मौजूदा संसद ठीक है, उससे किसी को कोई दिक्क़त नहीं है, कोई काम रुक नहीं रहा है, नए संसद भवन की कोई ज़रूरत नहीं है। ऐसे में इतना पैसा खर्च करना बेकार है, ख़ास कर तब जब देश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है।
सोनिया की चिट्ठी
कोरोना संकट के पहले से ही इसका विरोध हो रहा है। पर कोरोना संकट और लॉकडाउन के बाद इसके विरोध ने नया आयाम ले लिया। कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक कड़ी चिट्ठी लिख कर इस परियोजना का विरोध किया। उन्होंने कहा था कि संकट की इस घड़ी में इस तरह की फ़िजूलखर्ची न की जाए, इसके बदले यह पैसा कोरोना रोकथाम और इससे प्रभावित ग़रीब लोगों की मदद में किया जाए।
क्या कहा सोनिया ने?
सोनिया गाँधी ने 20 हज़ार करोड़ रुपए की दिल्ली केंद्रित इस योजना के बारे में कहा,“
‘मौजूदा समय में इस तरह की योजना को आत्म-मुग्ध होना ही कहा जा सकता है। यह ऐसा कोई ज़रूरी खर्च नहीं है, जिसे इस संकट के ख़त्म होने तक नहीं टाला जा सकता है।’
सोनिया गाँधी, कार्यकारी अध्यक्ष, कांग्रेस
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