“जनहित याचिकाएँ सरकार के विरोधियों और सिविल सोसाइटी के लोगों का एक औज़ार बनती जा रही हैं, जिसका बड़े पैमाने पर दुरुपयोग हो रहा है।” यह कहना है देश के सर्वोच्च न्यायालय का, जिसका मानना है कि सुप्रीम कोर्ट और विभिन्न हाईकोर्ट जनहित के मामलों में सर्वोच्च संस्था नहीं बन सकतीं। सुप्रीम कोर्ट ने यह बात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट सेन्ट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को हरी झंडी देते हुए कही।