राजनीति में दागी नेताओं पर रोक लगाने की जो माँग लंबे समय से नागरिक समाज करता रहा है उस दिशा में लगता है सुप्रीम कोर्ट के एक फ़ैसले का असर हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को राजनीतिक दलों को निर्देश दिया है कि वे चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के ख़िलाफ़ लंबित आपराधिक केसों को सार्वजनिक तौर पर बताएँ और यह भी बताएँ कि ऐसे लोगों को टिकट क्यों दिया। कोर्ट ने साफ़ कहा है कि पार्टियों के लिए यह ज़रूरी होगा कि वे उम्मीदवारों के चयन के 48 घंटे के अंदर ऐसे उम्मीदवारों की जानकारी वेबसाइट, सोशल मीडिया और अख़बारों में दें।
पार्टियाँ लोगों को बताएँ- किन दागी प्रत्याशियों को टिकट दिया और क्यों: सुप्रीम कोर्ट
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- 13 Feb, 2020
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को राजनीतिक दलों को निर्देश दिया है कि वे चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के ख़िलाफ़ लंबित आपराधिक केसों को सार्वजनिक तौर पर बताए।

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि उम्मीदवार चुनने के 72 घंटे के अंदर राजनीतिक दल उम्मीदवारों के ख़िलाफ़ लंबित आपराधिक केसों की जानकारी प्रकाशित करने के नियम पालन करने की रिपोर्ट चुनाव आयोग को दें। इसमें विफल रहने पर चुनाव आयोग सुप्रीम कोर्ट को इससे अवगत कराए। कोर्ट ने यह भी कहा है कि इसमें विफल रहने पर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना मानी जाएगी।