सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह चाहता है कि राज्य स्तर पर हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा देने के कुछ 'ठोस उदाहरण' दिए जाएँ। अदालत छह धार्मिक समुदायों के लिए राष्ट्रीय अल्पसंख्यक दर्जे को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही है। याचिका पर अब आगे की सुनवाई इस पर होगी कि जनसंख्या के अनुसार राज्य-वार अल्पसंख्यक का दर्जा हो या नहीं।
अल्पसंख्यक का दर्जा क्या राज्य स्तर पर मिलेगा? जानिए सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
- देश
- |
- 18 Jul, 2022
क्या हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा दिया जा सकता है? जानिए छह धार्मिक समुदायों को राष्ट्रीय स्तर पर दिए गए अल्पसंख्यक के दर्जे को क्यों चुनौती दी गई और सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा।

सुप्रीम कोर्ट उस जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है जिसे एक हिंदू आध्यात्मिक नेता देवकीनंदन ठाकुर ने दायर की है। याचिका में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1992 की धारा 2 (सी) को चुनौती दी गई है। उस धारा में मुसलिम, ईसाई, बौद्ध, पारसी, सिख और जैन को राष्ट्रीय स्तर पर अल्पसंख्यक घोषित किया गया है। याचिका में अल्पसंख्यकों की जिलेवार पहचान और राज्यवार स्थिति की मांग की गई है।