क्या यूपी पुलिस मनमाने तरीक़े से काम कर रही है? क्या वह सत्ता के नशे में चूर है? क्या वह मनमाने तरीक़े से एक के बाद एक एफ़आईआर दर्ज कर रही है? क्या उसमें संवेदनशीलता नहीं है? ये सवाल सुप्रीम कोर्ट के एक फ़ैसले से ही उठ रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की पुलिस को कड़ी हिदायत दी है। इसने तो यहाँ तक कह दिया कि राज्य की पुलिस खतरनाक क्षेत्र में घुस रही है। इसने चेतावनी दी कि यदि याचिकाकर्ता को छुआ गया तो ऐसी कड़ी सज़ा देंगे कि डीजीपी पूरी ज़िंदगी याद रखेंगे।
...तो ऐसी कड़ी सज़ा देंगे कि यूपी डीजीपी पूरी ज़िंदगी याद रखेंगे: SC
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- 28 Nov, 2024
उत्तर प्रदेश में एक शख्स के ख़िलाफ़ एक के बाद एक कई एफ़आईआर दर्ज किए जाने के मामले में आख़िर सुप्रीम कोर्ट को यूपी पुलिस को क्यों सख़्त चेतावनी देनी पड़ी?

अदालत की यह टिप्पणी उत्तर प्रदेश पुलिस के रवैये पर की है। शीर्ष अदालत ने एक मामले से निपटने के यूपी पुलिस के तौर-तरीके पर कड़ी असहमति जताई। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत ने गुरुवार को टिप्पणी की कि यूपी में पुलिस सत्ता का आनंद भोग रही है और उसे संवेदनशील बनाने की जरूरत है। इसी संदर्भ में आगे जज ने कहा कि यूपी पुलिस को खतरनाक क्षेत्र में नहीं घुसना चाहिए और कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी।