सुप्रीम कोर्ट के कॉलिजियम ने 9 जजों के नामों को केंद्र सरकार के पास भेजा है, यह ख़बर कई न्यूज़ वेबसाइट्स पर आने से सीजेआई एन.वी.रमना नाराज़ हैं। रमना ने कहा है कि वह इससे परेशान हैं। उन्होंने मीडिया से अपील की है कि वह इस तरह की ख़बरों की रिपोर्टिंग करते वक़्त जिम्मेदारी दिखाए।
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए जस्टिस नवीन सिन्हा की फ़ेयरवेल में सीजेआई ने कहा, “जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया बेहद पवित्र काम है और इसके साथ गरिमा भी जुड़ी हुई है। मीडिया के दोस्तों को यह समझना चहिए और इस प्रक्रिया की पवित्रता को स्वीकार करना चाहिए।”
सीजेआई ने कहा, “इस तरह के भी उदाहरण हैं जब कई प्रतिभाएं इस तरह की रिपोर्टिंग और अनुमानों के चलते दम तोड़ गयीं। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और मैं इससे बेहद परेशान हूं।”
सीजेआई ने हालांकि यह भी कहा कि वे कई वरिष्ठ पत्रकारों और मीडिया हाउसों की ओर से दिखाई गई इस समझदारी और जिम्मेदारी की सराहना करते हैं कि वे इतने गंभीर मामले में किसी तरह की अटकलें नहीं लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है, इसे लेकर बैठकें होंगी और फ़ैसला लिया जाएगा।
कॉलिजियम ने मंगलवार को केंद्र सरकार को 9 जजों के नाम भेजे हैं। इन सभी को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किया जाना है।
अगर केंद्र सरकार कॉलिजियम की सिफ़ारिशों को स्वीकार कर लेती है तो सुप्रीम कोर्ट में खाली पड़े जस्टिस के सभी पदों को भर लिया जाता और अदालत में जजों की संख्या 33 हो जाती। लेकिन जस्टिस नवीन सिन्हा बुधवार को रिटायर हो गए हैं, इसके बाद एक और पद खाली हो गया है।
सीजेआई ने इस बात पर जोर दिया कि सुप्रीम कोर्ट मीडिया की आज़ादी और किसी भी शख़्स के अधिकारों को बरकरार रखने के पूरी तरह पक्ष में है। उन्होंने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि सभी लोग इस संस्थान की अखंडता और गरिमा को बनाए रखेंगे।
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़, जिन 9 जजों के नाम केंद्र सरकार को भेजे गए हैं, उनमें तीन महिला जज भी हैं। इनमें कर्नाटक हाई कोर्ट की जस्टिस बी.वी. नागरत्ना, तेलंगाना हाई कोर्ट की चीफ़ जस्टिस हिमा कोहली और गुजरात हाई कोर्ट की जस्टिस बेला त्रिवेदी शामिल हैं। जस्टिस बी.वी. नागरत्ना भारत की पहली महिला सीजेआई बन सकती हैं।
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