सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों पर प्रतिबंध को लेकर दिल्ली सरकार और पुलिस को फटकार लगाई है। इसने कहा कि इसे मुश्किल से ही लागू किया गया। इस वजह से राष्ट्रीय राजधानी में हवा की गुणवत्ता ख़राब हो गई। अदालत ने दिल्ली सरकार और पुलिस से पूछा कि दिवाली के दौरान पटाखों पर प्रतिबंध लागू क्यों नहीं किया गया?
सुप्रीम कोर्ट ने आप सरकार और दिल्ली पुलिस आयुक्त को एक सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल कर जवाब देने को कहा है। इसने इस साल प्रतिबंध को लागू करने के लिए उठाए गए कदमों के साथ-साथ अगले साल प्रतिबंध को लागू करना सुनिश्चित करने के लिए प्रस्तावित कदमों के बारे में बताने का निर्देश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर पटाखों पर नियंत्रण नहीं किया गया तो इससे अराजकता की स्थिति पैदा हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा, 'दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कुछ सख्त कार्रवाई की ज़रूरत है, जैसे परिसरों को सील करना।'
अदालत ने कहा, 'हमें कुछ ऐसा करने की ज़रूरत है ताकि अगले साल दिवाली के दौरान पटाखों पर प्रतिबंध के अदालती आदेशों का उल्लंघन न हो।' अदालत ने राज्य से यह भी कहा कि वह त्योहारों के समय तक सीमित रखे बिना दिल्ली में पटाखों पर स्थायी प्रतिबंध लगाने पर विचार करे। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने पंजाब और हरियाणा से भी जवाब मांगा कि दिवाली के दौरान खेतों में आग लगने की घटनाएं कैसे बढ़ीं। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि सभी जवाब एक सप्ताह में दाखिल किए जाएं और मामले की सुनवाई 14 नवंबर को तय की।
यह तब हुआ जब दिवाली के दौरान दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध का खुलेआम उल्लंघन किया गया और अगले ही दिन राष्ट्रीय राजधानी में धुंध की मोटी परत छा गई। इससे कई इलाकों में हवा बेहद जहरीली हो गई।
दिवाली की पूर्व संध्या पर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने घोषणा की थी कि राजधानी में पटाखों पर प्रतिबंध लागू करने के लिए 377 टीमें बनाई गई हैं। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि सभी पुलिस उपायुक्तों को यह सुनिश्चित करने के लिए समर्पित टीमें बनाने के लिए कहा गया था कि उनके संबंधित जिलों में पटाखे न फोड़े जाएं।
अपनी राय बतायें