भीमा कोरेगांव केस को लेकर आतंकवाद के आरोप में जेल में बंद सामाजिक कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज भी पेगासस स्पाइवेयर के निशाने पर थीं। वह अभी भी जेल में बंद हैं। वह उन 16 आरोपियों में से एक हैं जिन्हें भीमा कोरेगाँव के मामले में आरोपी बनाया गया है। ये सभी किसी न किसी रूप में ग़रीब आदिवासियों के लिए काम करते रहे हैं या थे। स्टैन स्वामी, सुरेंद्र गाडलिंग और रोना विल्सन भी उनमें से एक थे।
भीमा कोरेगांव केस में जेल में बंद सुधा भारद्वाज भी पेगासस के निशाने पर थीं!
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- 20 Jul, 2021
भीमा कोरेगांव केस को लेकर आतंकवाद के आरोप में जेल में बंद सामाजिक कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज भी पेगासस स्पाइवेयर के निशाने पर थीं। वह अभी भी जेल में बंद हैं। वह उन 16 आरोपियों में से एक हैं जिन्हें भीमा कोरेगाँव के मामले में आरोपी बनाया गया है।

भीमा कोरेगांव मामला उस भीमा कोरेगाँव से जुड़ा है जहाँ हर साल 1 जनवरी को दलित समुदाय के लोग भीमा कोरेगाँव में जमा होते हैं और वे वहाँ बनाये गए 'विजय स्तम्भ' के सामने अपना सम्मान प्रकट करते हैं। 2018 को 200वीं वर्षगाँठ थी लिहाज़ा बड़े पैमाने पर लोग जुटे थे। इस दौरान हिंसा हो गई थी। इस हिंसा का आरोप एल्गार परिषद पर लगाया गया। ऐसा इसलिए कि 200वीं वर्षगांठ से एक दिन पहले एल्गार परिषद की बैठक हुई थी। इस मामले से जुड़े होने को लेकर वर वर राव, अरुण फ़रेरा, वरनों गोंजाल्विस, गौतम नवलखा जैसे सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी अभियुक्त बनाया गया।