तिहाड़ जेल से बाहर आने के बाद इसकी झलक भी दिखाई दी जब मनमोहन सिंह ने चिदंबरम को हिरासत में रखने को लेकर सवाल उठाया। सिंह ने कहा कि उनके साथी चिदंबरम को लगातार हिरासत में रखे जाने से पार्टी चिंतित है लेकिन पार्टी को इस बात का भरोसा है कि अदालत से उन्हें न्याय मिलेगा।
पूर्व प्रधानमंत्री ने चिदंबरम का मजबूती से बचाव करते हुए कहा कि सरकार चलाने की हमारी व्यवस्था में किसी अकेले व्यक्ति द्वारा कोई फ़ैसला नहीं लिया जाता है, बल्कि यह सामूहिक फ़ैसला होता है। सिंह ने इस ओर इशारा किया कि आईएनएक्स मीडिया मामले में विदेशी निवेश को मंजूरी देने के मामले में कई अफ़सर और जिनमें सरकार के छह सचिव भी शामिल थे, सभी ने उस प्रस्ताव की जाँच की थी और चिदंबरम ने सर्वसम्मति से की गई सिफ़ारिश को ही स्वीकार किया था।
कांग्रेस जानती है कि अगर वह अपनी पार्टी के नेताओं के साथ मजबूती से खड़ी नहीं दिखी तो बीजेपी बिना अदालत का कोई फ़ैसला आए उसके नेताओं के ख़िलाफ़ ऐसी छवि बना देगी, जिससे जनता उन्हें अपराधी समझने लगे। बिलकुल 2जी केस की तरह।
बता दें कि 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाला मामले को बीजेपी ने 2014 के लोकसभा चुनाव प्रचार में बड़ा मुद्दा बनाया था। लेकिन दिसंबर 2017 में जब इस मामले की सुनवाई कर रहे जज ने कहा था कि वह सबूत के इंतजार में 7 साल तक हर दिन सुबह 9 से शाम 5 बजे तक कोर्ट में बैठते थे लेकिन कोई भी ऐसा सबूत कोर्ट में नहीं आया जिससे घोटाला साबित होता हो। लेकिन बीजेपी इसका राजनीतिक फ़ायदा ले चुकी थी और उसने 2जी, जीजाजी के नाम से चुनाव प्रचार कर अपनी सरकार बना ली थी।
कांग्रेस को इस बात का भी पता है कि ऐसा नहीं है कि केवल चिदंबरम ही मोदी सरकार के निशाने पर हैं। उसके कई नेता जाँच एजेंसियाँ के रडार पर हैं। इस सूची में सोनिया गाँधी से लेकर राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा का भी नाम शामिल है।
कांग्रेस के दिग्गज नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, कर्नाटक कांग्रेस के दिग्गज नेता डीके शिवकुमार, सोनिया गाँधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके भांजे रतुल पुरी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत सहित कांग्रेस नेताओं की लंबी फ़ेहरिस्त है, जिन पर जाँच एजेंसियाँ कभी भी शिकंजा कस सकती हैं।
2019 के लोकसभा चुनाव प्रचार में भी नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस को भ्रष्टाचारी बताने का कोई मौक़ा नहीं छोड़ा था। मोदी कांग्रेस पर यह कहकर हमला करते थे कि भ्रष्टाचार ही कांग्रेस की संस्कृति है। मोदी ने कहा था कांग्रेस के कई नेता अदालतों के चक्कर लगा रहे हैं।
ख़बरों के मुताबिक़, कांग्रेस ने अपनी सभी राज्य इकाइयों को बता दिया है कि वे मोदी सरकार द्वारा पार्टी नेताओं के ख़िलाफ़ की जा रही कार्रवाई का पुरजोर विरोध करें। क्योंकि पार्टी जानती है कि अगर उसने इस तरह की कार्रवाई का विरोध नहीं किया तो उसके लिए जनता के बीच में अपनी और पार्टी नेताओं की छवि का बचाव करना बेहद मुश्किल हो जाएगा। एक तो कांग्रेस दो लोकसभा चुनाव में क़रारी शिकस्त खाने के बाद पस्त पड़ी है और दूसरा अगर मोदी सरकार उसके वरिष्ठ नेताओं को जेल के अंदर भेजती रही तो उसके अस्तित्व पर ही सवाल खड़ा हो जाएगा, इसलिए पार्टी ने तय किया है कि वह अपने नेताओं के साथ पूरी ताक़त के साथ खड़ी दिखेगी।
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