पर्यावरणविद् और इंजीनियर सोनम वांगचुक ने 21 दिन का अनशन ख़त्म कर दिया है। हालाँकि, इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि उनकी लड़ाई जारी रहेगी। लद्दाख को राज्य का दर्जा दिलाने और हिमालयी पारिस्थितिकी की सुरक्षा के लिए दबाव बनाने के लिए उन्होंने भूख हड़ताल की थी। उन्होंने तीन हफ़्ते पहले इसकी शुरुआत की थी तो कहा था कि वह आमरण अनशन कर रहे हैं और इसको चरणों में किया जाएगा। उन्होंने 21 दिन की अनशन की घोषणा करते हुए कहा था कि ज़रूरत पड़ने पर इसको आगे भी बढ़ाया जा सकता है।