नतीजे से महज दो दिन पहले दिल्ली चुनाव पर लिखने के लिए ‘एक्जिट पोल’ की भविष्यवाणियाँ या नेताओं के दावे-प्रतिदावे ज़्यादा रुचिकर विषय हो सकते हैं। पर दिल्ली के चुनाव में जीत-हार की अटकलें संभवतः अब उतनी महत्वपूर्ण नहीं रह गई हैं। मुझे इन अटकलों से ज़्यादा महत्वपूर्ण लग रहे हैं, प्रचार-अभियान के दरम्यान उठे तीन बड़े सवाल।