सीरियल किलर चार्ल्स शोभराज आज जेल से रिहा हुआ। तो वह इतनी सुर्खियों में क्यों है? क्या इस वजह से कि वह सीरियल किलर था? सीरियल किलर तो न जाने कितने पकड़े गए, लेकिन क्या किसी का नाम चार्ल्स शोभराज की तरह किसी को याद है?
दरअसल, वह जुर्म की दुनिया में बेहद शातिर रहा है। चार्ल्स शोभराज जुर्म की दुनिया में चार्ल्स शोभराज के तौर पर इसलिए जाना जाता है कि वह उच्च सुरक्षा वाली तिहाड़ जेल से भी चकमा देकर निकल गया था।
जिस तरह का शातिर अपराधी वह रहा है और जिस तरह के कारनामे उसने किए, उससे लोगों में उसके प्रति कौतूहल रहा। यही वजह है कि उसकी ज़िंदगी और अपराध पर फ़िल्में तक बन चुकी हैं। चार्ल्स शोभराज की पूरी ज़िंदगी ही फ़िल्मी है। और उसमें तिहाड़ जेल से भाग निकलने की कहानी तो बेहद ही रोचक है।
चार्ल्स शोभराज एक फ्रांसिसी नागरिक। उसकी माँ वियतनाम की थीं और पिता भारतीय। शोभराज का जन्म 1944 में वियतनाम में हुआ था। तब वियतनाम पर फ्रांस का कब्जा था और फ्रांस के कब्जे वाले देश में पैदा होने के कारण शोभराज के पास फ्रांस की नागरिकता है।
लेकिन चार्ल्स शोभराज की पहचान जुर्म की दुनिया में रही है। उसको 'द सर्पेंट' और 'बिकिनी किलर' के नाम से भी जाना जाता है। कई लड़कियों की लाशें सिर्फ़ बिकिनी में मिली थीं। इसी वजह से उसे बिकिनी किलर कहा जाता है। वह अजनबियों को धोखा देने और यूरोप व एशिया में पुलिस से बचने में माहिर था इसलिए उसे द सर्पेंट भी कहा गया।
नेपाल में ही हत्या के मामले में शोभराज वहाँ की जेल में बंद था जिसे अब वहाँ के सुप्रीम कोर्ट ने रिहा किया है। उसको नेपाल की अदालत ने 2003 में उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
कोर्ट ने उसकी उम्र के आधार पर उसको छोड़ने का फ़ैसला किया और उसे उसके देश भेजने का फ़ैसला किया। उसे 1975 में अमेरिकी महिला कोनी जो ब्रोंजिच की हत्या कर दी थी। शोभराज को अगस्त 2003 में काठमांडू के कसीनो से गिरफ्तार किया गया था।
वह अक्सर विदेशी पर्यटकों को ही निशाना बनाता था। वह इन पर्यटकों से दोस्ती करता था, उन्हें ड्रग्स देता था और हत्या करके उनका सामान लूट लेता था। उस पर 15-20 लोगों की हत्या का आरोप है।
शोभराज ने भारत में भी कई हत्याएँ की थीं। इसी को लेकर 1976 में दिल्ली में उसे गिरफ़्तार किया गया था। उसने 21 साल भारतीय जेल में बिताए। इसमें वे 21 दिन शामिल नहीं हैं जब उसने 1986 में उच्च सुरक्षा वाली तिहाड़ जेल से चकमा देकर भाग गया था।
जेल से निकलने का उसने ग़ज़ब का तरीक़ा निकाला। उसने जेल में ही अपने जन्मदिन की पार्टी दी। उसने मिठाई मंगाई और ड्रग्स मंगाया। उसने मिठाई में ड्रग्स मिलाकर सभी गार्डों को परोसा। जब सभी गार्ड बेहोशी की हालत में थे तो चार्ल्स जेल से भाग गया।
लेकिन तीन हफ़्ते बाद ही उसे गोवा के एक कसीनो से फिर से गिरफ्तार कर लिया गया। शोभराज को तब किसी मामले में भी दोषी नहीं ठहराया गया था। इसके बाद वह तिहाड़ जेल में ही रहा और 1997 में उसे सजा पूरी करने पर तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया। इसके बाद वह फ्रांस चला गया।
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