क्या ईडी द्वारा की गई दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ़्तारी सही नहीं थी? केजरीवाल की ओर से इस गिरफ़्तारी को 'अवैध' होने का दावा किया जाता रहा है। ईडी की गिरफ़्तारी को चुनौती देने के इस मामले को सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने बड़ी बेंच के पास भेज दिया है। हालाँकि, इसके साथ ही इसने केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी है। अब शीर्ष अदालत की बड़ी बेंच तय करेगी कि आख़िर ईडी के पास किसी को गिरफ़्तार करने के क्या अधिकार होंगे। क्या ईडी मौजूदा तौर तरीकों के अनुसार ही गिरफ़्तारी जारी रखेगा या फिर उसको भी पहले कुछ शर्तें पूरी करनी होंगी?
ईडी के गिरफ्तारी के अधिकार पर नकेल कसेगी? बड़ी बेंच लेगी फैसला
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- 12 Jul, 2024
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी, लेकिन ईडी की गिरफ़्तारी को चुनौती देने के मामले को सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच के पास भेज दिया। जानिए, इसने ऐसा क्यों किया।

केजरीवाल मामले की सुनावाई करती हुई सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कुछ ऐसे ही सवाल के साथ बड़ी बेंच के पास मामला भेजा है। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि हमने गिरफ्तारी की ज़रूरत और अनिवार्यता का अतिरिक्त आधार उठाया है। जस्टिस खन्ना ने कहा, 'तो गिरफ्तारी की नीति क्या है, इसका आधार क्या है, हमने उल्लेख किया है। हमने 3 सवाल तैयार किए हैं। क्या गिरफ्तारी की ज़रूरत, अनिवार्यता, गिरफ्तारी के औपचारिक मापदंडों को पूरा करती है...हमने स्पष्ट रूप से माना है कि केवल पूछताछ से गिरफ्तारी की अनुमति नहीं मिलती है।'