नीट यूजी 2024 के पेपर लीक होने के आरोपों की सीबीआई जाँच होगी या नहीं, इस पर सुप्रीम कोर्ट एनटीए और केंद्र का जवाब सुनने के बाद फ़ैसला देगा। इसके लिए अदालत ने शुक्रवार को केंद्र और एनटीए को नोटिस जारी किया है। एक याचिका में नीट यूजी 2024 में प्रश्नपत्र लीक और अन्य अनियमितताओं के आरोपों की सीबीआई जांच का अनुरोध किया गया है।
हालाँकि, इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने यह भी साफ़ कर दिया कि कोटा में आत्महत्याएं नीट-यूजी 2024 के नतीजों के कारण नहीं हुई हैं और परीक्षा में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की मांग करने वाले याचिकाकर्ताओं को इस तरह की भावनात्मक दलीलें नहीं देनी चाहिए। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की अवकाश पीठ ने यह टिप्पणी तब की जब याचिकाकर्ताओं के एक वकील ने दलील दी कि कोटा में कोचिंग सेंटरों में छात्र आत्महत्या कर रहे हैं।
इधर, सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एनटीए की याचिका पर निजी पक्षों को नोटिस जारी किया, जिसमें विभिन्न उच्च न्यायालयों में लंबित मामलों को शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करने की मांग की गई है। एनटीए की ओर से कहा गया कि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा स्नातक यानी नीट यूजी 2024 को रद्द करने की मांग वाली कई याचिकाएं कई उच्च न्यायालयों में लंबित हैं। पीठ ने कहा कि 8 जुलाई को सुनवाई होगी।
पीठ ने यह भी दोहराया कि वह नीट काउंसलिंग पर रोक नहीं लगाएगी। अवकाश पीठ ने केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी सीबीआई और बिहार सरकार से भी दो सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। पीठ ने कहा कि 8 जुलाई को अन्य लंबित जनहित याचिकाओं के साथ इस जनहित याचिका पर भी सुनवाई की जाएगी जब शीर्ष अदालत गर्मी की छुट्टियों के बाद काम करना शुरू करेगी।
नीट यूजी परीक्षा को लेकर चल रहे विवाद के बीच केंद्र और एनटीए ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन्होंने एमबीबीएस और ऐसे अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए परीक्षा देने वाले 1563 उम्मीदवारों को दिए गए अतिरिक्त अंक रद्द कर दिए हैं।
एनटीए के इतिहास में अभूतपूर्व रूप से 67 छात्रों ने 720 अंक प्राप्त किए, जिसमें हरियाणा के फरीदाबाद के एक केंद्र से छह छात्र सूची में शामिल थे, जिससे अनियमितताओं के बारे में संदेह पैदा हुआ। यह आरोप लगाया गया है कि ग्रेस मार्क्स की वजह से 67 छात्र शीर्ष रैंक पर आ गए।
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