जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को लेकर दिल्ली में हंगामा मच गया। सवाल उठा कि उन्हें हिरासत में लिया गया था या फिर वह अपनी मर्जी से दिल्ली के आरके पुरम थाने में गए थे। हालाँकि, वह बाद में थाने से निकल गए। दरअसल, उनके समर्थन में शनिवार को आरके पुरम में आयोजित एक खाप पंचायत को स्थानीय पुलिस और आरडब्ल्यूए द्वारा बैठक की अनुमति नहीं दिए जाने के बाद रद्द कर दिया गया। इस पंचायत को हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली की 36 प्रमुख खापों के नेताओं ने बुलाया था। उसमें सत्यपाल मलिक भी शरीक हुए थे, लेकिन बाद वे सभी थाने में नज़र आए।
सत्यपाल मलिक नाम के किसी यूज़र ने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर पोस्ट की। हालाँकि इस बीच कुछ लोगों ने उनकी गिरफ़्तारी के कयास लगाए तो दिल्ली पुलिस ने ट्वीट कर कहा कि अफवाह नहीं फैलाएँ उन्हें गिरफ़्तार नहीं किया गया है। इसने कहा है कि वह अपनी मर्जी से थाने में आए।
False information is being spread on social media handles regarding detention of Sh. Satyapal Malik, Ex. Gov.
— Delhi Police (@DelhiPolice) April 22, 2023
Whereas, he himself has arrived at P.S. R K Puram alongwith his supporters. He has been informed that he is at liberty to leave at his own will.#DelhiPoliceUpdates
एक दिन पहले ही ख़बर आई थी कि सत्यपाल मलिक को सीबीआई ने 28 अप्रैल को पूछताछ के लिए बुलाया है। द वायर की खबर के अनुसार सत्यपाल मलिक से यह पूछताछ रिलायंस इंश्योरेंस के मसले पर होगी।
सीबीआई द्वारा सत्यपाल मलिक को पूछताछ के लिए ऐसे समय में बुलाया जा रहा है, जबकि कुछ दिनों पहले उन्होंने साक्षात्कारों में पुलवामा हमले, राष्ट्रीय सुरक्षा और भ्रष्टाचार पर प्रधानमंत्री मोदी के रुख सहित मुद्दों को लेकर उनपर गंभीर आरोप लगाए थे। करण थापर को दिए इंटरव्यू में सत्यपाल मलिक ने दावा किया था कि जब वह जम्मू कश्मीर के राज्यपाल थे तब उन्होंने इस योजना को पारित होने से रोक दिया था। उन्होंने कहा था कि इस योजना को पारित करने के लिए कथित तौर पर आरएसएस-बीजेपी नेता राम माधव ने कहा था।
साथियों मुझे,खाप प्रधान व सत्यपाल मलिक सभी को दिल्ली आर.कि.पूरम में गिरफ़्तार कर लिया गया है! pic.twitter.com/LSjrLR3RW6
— Gurnam Singh Charuni (@GurnamsinghBku) April 22, 2023
हालाँकि पुलिस ने चढूनी के इन दावों को खारिज किया है। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार डीसीपी (दक्षिण-पश्चिम) मनोज सी ने आरोपों का खंडन किया और कहा, 'हमने पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक को हिरासत में नहीं लिया है। वह समर्थकों के साथ अपनी मर्जी से आरके पुरम पुलिस स्टेशन आए हैं और हमने उन्हें बताया है कि वह अपनी मर्जी से जा सकते हैं।'
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