2008 में हुए मालेगाँव धमाके में प्रज्ञा सिंह ठाकुर और ले. कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित का ही आम तौर पर नाम आता है लेकिन एटीएस और एनआईए की जाँच के आधार पर इनके अलावा और भी कई लोगों पर मुक़दमे चल रहे हैं। आज की इस अंतिम कड़ी में हम पूरी साज़िश और उसमें शामिल लोगों की भूमिका के बारे में जानेंगे। एटीएस और एनआईए के जाँच निष्कर्षों में थोड़ा अंतर रहा है, इसलिए एटीएस ने पहले जिन 14 लोगों को अभियुक्त बनाया था, उनमें से केवल 7 के ख़िलाफ़ आज की तारीख़ में मुक़दमा चल रहा है। दो लोग फ़रार हैं इस कारण उनपर मुक़दमा नहीं चलाया जा रहा। शेष सभी दोषमुक्त घोषित कर दिए गए।