पिछली कड़ी में हमने जाना था कि मुंबई हाई कोर्ट के दो जजों की बेंच ने 2017 में मालेगाँव मामले के अभियुक्त ले. कर्नल पुरोहित को ज़मानत देने से इनकार कर दिया था। बेंच ने कहा था कि धमाके के बाद ले. कर्नल पुरोहित ने अपने साथी रिटायर्ड मेजर रमेश उपाध्याय से जिस तरह की बात की, उससे लगता है कि वह बहुत डरे हुए थे। जजों ने पूछा कि यदि पुरोहित एक जासूस के तौर पर अभिनव भारत में घुसे थे तो वह इतने घबराए हुए क्यों थे? उन्होंने ख़ुद जाकर पुलिस या सेना को क्यों नहीं बताया कि मैं तो जासूस हूँ।