राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपने मुखपत्र 'पाँचजन्य' में सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी इन्फ़ोसिस पर छपे एक लेख से खुद को अलग कर लिया है। उसने कहा है कि लेख में व्यक्त विचार लेखक के हैं, संघ के नहीं।
बता दें कि 'पाँचजन्य' के ताज़ा अंक में एक लेख छपा था, जिसमें पूछा गया था, "क्या राष्ट्र-विरोधी शक्ति इसके माध्यम से भारत के आर्थिक हितों को चोट पहुँचाने की कोशिश कर रही है?"
'पाँचजन्य' के लेख में कहा गया है कि इन्फ़ोसिस द्वारा विकसित जीएसटी और आयकर रिटर्न वेबसाइटों में गड़बड़ियों के कारण, "देश की अर्थव्यवस्था में करदाताओं के विश्वास को चोट लगी है। क्या इन्फ़ोसिस के माध्यम से राष्ट्र विरोधी ताकतें भारत के आर्थिक हितों को ठेस पहुंचाने की कोशिश कर रही हैं?"
संघ की सफ़ाई
आरएसएस के प्रवक्ता सुनील आंबेकर ने रविवार को ट्वीट कर कहा, "एक भारतीय कंपनी के रूप में, भारत की प्रगति में इऩ्फोसिस का महत्वपूर्ण योगदान है। इऩ्फोसिस द्वारा संचालित पोर्टल के संबंध में कुछ मुद्दे हो सकते हैं, लेकिन पांचजन्य में इस संदर्भ में प्रकाशित लेख लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं। ये पांचजन्य के विचार नहीं हैं।''
उन्होंने कहा, 'इसलिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को लेख में व्यक्त विचारों से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।'
भारतीय कंपनी के नाते इंफोसिस का भारत की उन्नति में महत्वपूर्ण योगदान है।इंफोसिस संचालित पोर्टल को लेकर कुछ मुद्दे हो सकते हैं परंतु पान्चजन्य में इस संदर्भ में प्रकाशित लेख,लेखक के अपने व्यक्तिगत विचार हैं,तथा पांचजन्य संघ का मुखपत्र नहीं है।@editorvskbharat
— Sunil Ambekar (@SunilAmbekarM) September 5, 2021
क्या है मामला?
बता दें कि इन्फ़ोसिस की वेबसाइट पर काफी समय से गड़बड़ियाँ चल रही हैं और शिकायत के बावजूद इसे ठीक नहीं किया गया है।
वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने पोर्टल के लगातार दो दिनों तक बंद रहने के बाद इन्फ़ोसिस के सीईओ को तलब किया था। वित्त मंत्री ने वेबसाइट लॉन्च होने के ढाई महीने बाद भी जारी गड़बड़ियों के बारे में सरकार और करदाताओं की चिंता व्यक्त की थी।
There is a lot of hue and cry over the cover story of the 5th September issue of Panchjanya. Everyone should read this cover story. https://t.co/gsDI52GN15
— Hitesh Shankar (@hiteshshankar) September 5, 2021
Three things are worth noting in this context”. #Infosys @epanchjanya pic.twitter.com/Y86pxdFQD2
स्टोरी पर अडिग पाँचजन्य
वहीं, बीबीसी के अनुसार, पांचजन्य के संपादक हितेश शंकर ने कहा कि वे अपनी कवर स्टोरी पर कायम हैं।
उन्होंने कहा, "पाँच सितंबर के पाँचजन्य संस्करण पर काफ़ी हंगामा हो रहा है। यह कवर स्टोरी सबको पढ़नी चाहिए।"
उन्होंने ट्वीट किया, "पांचजन्य अपनी रिपोर्ट को लेकर अडिग है। अगर इन्फ़ोसिस को किसी भी तरह की आपत्ति है तो उसे कंपनी के हित में इन तथ्यों की और गहराई से पड़ताल करके मुद्दे का दूसरा पहलू पेश करने के लिए कहना चाहिए।"
हितेश शंकर ने लिखा, "कुछ लोग इस संदर्भ में निजी स्वार्थ के लिए आरएसएस का नाम ले रहे हैं। याद रखिए कि यह रिपोर्ट संघ से सम्बन्धित नहीं है। यह इन्फ़ोसिस के बारे में है। यह तथ्यों और कंपनी की अकुशलता से जुड़ी है।"
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