राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) हरिद्वार और छत्तीसगढ़ धर्म संसद में भड़काने वाली बयानबाजी पर बचाव की मुद्रा में आ गया है। आरएसएस के बड़े नेता इन्द्रेश कुमार के बाद अब संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी सफाई पेश की है।


आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा था कि धर्म संसद के आयोजनों में दिए गए कथित अपमानजनक बयान हिंदू विचारधारा का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। धर्म संसद के आयोजनों में कही गई बातों पर निराशा व्यक्त करते हुए भागवत ने कहा, "धर्म संसद के आयोजनों में जो कुछ भी निकला, वह हिंदू शब्द नहीं, हिंदू कर्म या हिंदू मन नहीं था।"