गांधीवादी अन्ना हज़ारे के नेतृत्व में 2011 में चले आन्दोलन ने पूरे देश को झकझोड़ कर रख दिया था। इस आंदोलन ने देश में भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ अभूतपूर्व माहौल बनाने में मदद की थी और भ्रष्टाचार रोकने के लिये लोकपाल बनाने की माँग की थी। इस आंदोलन के बहाने देश में एक नए किस्म की राजनीति की बात चली थी। अब तक़रीबन नौ साल बाद इस आंदोलन से जुड़े लोग सवाल खड़े करने लगे हैं। उन दिनों अन्ना हज़ारे की टीम के सदस्य रहे प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया है कि इस आंदोलन के पीछे आरएसएस का हाथ था।