सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए केंद्र सरकार के द्वारा लाई गई अग्निपथ योजना को लेकर सेना में बड़े पदों पर रहे अफसरों ने आपत्ति दर्ज की है और सुझाव भी दिए हैं। अग्निपथ योजना के तहत चयन होने के बाद युवाओं को 6 महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी और फिर उन्हें 3.5 साल के लिए अलग-अलग जगहों पर तैनात किया जाएगा। 4 साल के बाद केवल 25 फीसद जवान ही आर्म्ड फोर्सेस में वापस आ सकेंगे जबकि बाकी लोग सेवाओं से बाहर हो जाएंगे।


मेजर जनरल यश मोर ने ट्वीट करके कहा कि सशस्त्र बलों को आर्थिक नजरिए से देखा जाना बंद होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सेना की जिंदगी और करियर की तुलना सरकारी खजाने में बचाए गए पैसे से नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि इस योजना को लागू किया जाना बेहद मुश्किल लग रहा है।