रिपब्लिक टीवी के प्रमुख संपादक अर्णब गोस्वामी को 2018 में आत्महत्या के लिए उकसाने के एक मामले में गिरफ़्तार किया गया है। 'रिपब्लिक टीवी चैनल' की ओर से ट्वीट में उनकी गिरफ़्तारी की पुष्टि की गई है। कई मीडिया रिपोर्टों में भी पुलिस के हवाले से उनकी गिरफ़्तारी की पुष्टि की गई है। इस मामले में अभी आधिकारिक तौर पर कुछ भी बयान नहीं आया है। उनकी गिरफ़्तारी 2018 में 53 साल के एक इंटीरियर डिज़ाइनर की आत्महत्या के मामले में की गई है।
गिरफ़्तारी से पहले इस मामले में काफ़ी हंगामा हुआ। बुधवार सुबह ही मुंबई पुलिस अर्णब गोस्वामी के आवास पर पहुँच गई थी। इस मामले में 'रिपब्लिक टीवी चैनल' ने दावा किया है कि इस दौरान अर्णब गोस्वामी के साथ धक्का-मुक्की भी हुई। चैनल ने ख़ुद उनकी गिरफ़्तारी को लेकर ट्वीट किया।
#IndiaWithArnab | Arnab Goswami arrested after SHOCKING physical assault; arrest in closed case #ArnabGoswami https://t.co/92MjrHfOzT
— Republic (@republic) November 4, 2020
जिस मामले में अर्णब पर कार्रवाई की गई है वह मामला दो साल पुराना है। कोंकोर्ड डिज़ाइन के मैनेजिंग डायरेक्टर अन्वय अपनी माँ कुमुद नाईक के साथ मई 2018 में रायगढ़ ज़िले में अलीबाग के अपने बंगले में मृत पाए गए थे। इस मामले में तब आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में 2018 में अर्णब गोस्वामी सहित तीन लोगों पर दर्ज किए गए थे।
स्थानीय पुलिस ने उस केस को पिछले साल यह कहते हुए बंद कर दिया था कि अर्णब गोस्वामी और दो अन्य के ख़िलाफ़ चार्जशीट पेश करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं।
लेकिन इस साल यह मामला तब चर्चा में फिर आ गया जब राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि अन्वय नाईक की बेटी अदन्या की माँग पर सीआईडी केस की जाँच करेगी। देशमुख ने तब ट्वीट कर कहा था, 'अदन्या नाइक ने मुझसे शिकायत की थी कि अलीबाग पुलिस ने अर्णब गोस्वामी के रिपब्लिक से बकाया भुगतान न करने की जाँच नहीं की थी, इसी कारण मई 2018 में उनके उद्यमी पिता और दादी को आत्महत्या के लिए मजबूर हुए थे। मैंने मामले की सीआईडी जाँच का फिर से आदेश दिया है।'
Adnya Naik had complained to me that #AlibaugPolice had not investigated non-payment of dues from #ArnabGoswami's @republic which drove her entrepreneur father & grandmom to suicide in May 2018. I've ordered a CID re-investigation of the case.#MaharashtraGovernmentCares
— ANIL DESHMUKH (@AnilDeshmukhNCP) May 26, 2020
अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस को अंग्रेज़ी में एक सुसाइड नोट मिला था, जिसमें कथित रूप से कहा गया था कि अन्वय और उनकी माँ ने आख़िरी क़दम उठाने का फ़ैसला किया क्योंकि बकाये का भुगतान तीन कंपनियों के मालिकों द्वारा ख़त्म किया जा रहा था- रिपब्लिक टीवी, IcastX/Skimedia के फिरोज शेख, और स्मार्टवर्क्स के नितीश सारदा। उस नोट में कहा गया है कि तीनों फर्मों पर कॉनकॉर्ड डिजाइन का क्रमश: 83 लाख रुपये, 4 करोड़ रुपये और 55 लाख रुपये बकाया है।
रिपोर्ट के अनुसार, रिपब्लिक टीवी ने पहले दावा किया था कि इसने सभी बकाए का भुगतान कोंकोर्ड डिज़ाइन को कर दिया है।
पिछले महीने ही मुंबई पुलिस ने दो अन्य मामलों में दर्ज एफ़आईआर को लेकर नोटिस जारी किया था। ये दोनों एफ़आईआर उनके टीवी कार्यक्रम प्रसारणों को लेकर है। एक तो कोरोना लॉकडाउन के दौरान बांद्रा रेलवे स्टेशन पर भीड़ को लेकर प्रसारण को है और दूसरी पालघर में साधुओं की हत्या के प्रसारण को लेकर। इन दोनों मामलों में अर्णब गोस्वामी पर दो समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाने और धार्मिक भावनाएँ भड़काने जैसे आरोप लगे। उस नोटिस में उनसे यह पूछा गया था कि क्यों न उनसे एक बॉन्ड भराया जाए कि वह अच्छा व्यवहार करेंगे। बॉन्ड भराने का मतलब है कि यदि वह अगली बार बुरा बर्ताव करते हैं तो जुर्माना लगाया जा सकता है या फिर उन्हें जेल भी भेजा जा सकता है।
कथित रूप से भड़काऊ बयान देने और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करने के लिए भी पहले एफ़आईआर दर्ज कराई गई थी। कई मामलो में पुलिस अर्णब से लंबी पूछताछ भी कर चुकी है।
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