मानवाधिकार व सामाजिक कार्यकर्ता स्टैन स्वामी की मौत के बाद अब एक ऐसी रिपोर्ट आई है जिससे मोदी सरकार की कार्रवाई पर सवाल खड़े होते हैं। एक अमेरिकी फोरेंसिक एजेंसी की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आदिवासियों के लिए काम करने वाले सुरेंद्र गाडलिंग के कम्प्यूटर में वायरस के माध्यम से उन दस्तावेजों को डाला गया था जिनके आधार पर उनको आरोपी बनाया गया। स्टैन स्वामी की तरह ही सुरेंद्र गाडलिंग को भी प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) ग्रुप से संबंध रखने के आरोप में सख़्त आतंकवादी विरोधी यूएपीए के तहत गिरफ़्तार किया गया था।