मानवाधिकार व सामाजिक कार्यकर्ता स्टैन स्वामी की मौत के बाद अब एक ऐसी रिपोर्ट आई है जिससे मोदी सरकार की कार्रवाई पर सवाल खड़े होते हैं। एक अमेरिकी फोरेंसिक एजेंसी की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आदिवासियों के लिए काम करने वाले सुरेंद्र गाडलिंग के कम्प्यूटर में वायरस के माध्यम से उन दस्तावेजों को डाला गया था जिनके आधार पर उनको आरोपी बनाया गया। स्टैन स्वामी की तरह ही सुरेंद्र गाडलिंग को भी प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) ग्रुप से संबंध रखने के आरोप में सख़्त आतंकवादी विरोधी यूएपीए के तहत गिरफ़्तार किया गया था।
एक्टिविस्टों के कम्प्यूटरों में वायरस से डाले गए थे दस्तावेज: रिपोर्ट
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- 7 Jul, 2021
सामाजिक कार्यकर्ता स्टैन स्वामी की मौत के बाद अब एक अमेरिकी फोरेंसिक एजेंसी की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रोना विल्सन के साथ ही आदिवासियों के लिए काम करने वाले सुरेंद्र गाडलिंग के कम्प्यूटर में वायरस के माध्यम से दस्तावेज डाले गये थे।

सुरेंद्र गाडलिंग से पहले एक और सामाजिक कार्यकर्ता रोना विल्सन के कम्प्यूटर में भी इसी तरह के वायरस के द्वारा आपत्तिजनक दस्तावेज डाले जाने की रिपोर्ट सामने आई थी। विल्सन के वकील ने अमेरिका स्थित एक डिजिटल फोरेंसिक लेबोरेटरी से उनके लैपटॉप की जाँच करवाई तो साइबर हमले की बात का खुलासा हुआ। 'वाशिंगटन पोस्ट' ने इसी साल फ़रवरी में इस पर रिपोर्ट छापी थी और इसने लिखा था कि ख़बर छापने के पहले इसने तीन निष्पक्ष लोगों से जाँच करवाई और उस रिपोर्ट को सही पाया। रिपोर्ट में कहा गया है कि रोना विल्सन और सुरेंद्र गाडलिंग के कम्प्यूटरों पर एक ही हैकर ने हमला किया था।