चीन के द्वारा प्रायोजित हैकर्स ने बीते कुछ महीनों में लद्दाख के नजदीक भारतीय बिजली वितरण केंद्रों को निशाना बनाया। यह बात एक प्राइवेट खुफिया फर्म रिकॉर्डेड फ्यूचर ने कही है। बता दें कि जून 2020 में लद्दाख के गलवान में हुई भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद से ही सीमा पर माहौल तनावपूर्ण है।
इस फर्म ने कहा है कि बीते कुछ महीनों में भारत के सात केंद्रों में घुसपैठ देखी गई है। यह सभी केंद्र ग्रिड कंट्रोल और बिजली के वितरण के काम से संबंधित हैं।
घुसपैठ की कोशिश करने वाले समूह ने नेशनल इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम के साथ भी छेड़छाड़ की है। रिकॉर्डेड फ्यूचर ने कहा है कि उसने अपनी रिपोर्ट को लोगों के सामने लाने से पहले सरकार को इस बारे में बता दिया था।
रिकॉर्डेड फ्यूचर को दुनिया भर में हैकर्स की ओर से किए जाने वाले हमलों की पहचान करने में सक्षम माना जाता है। रिकॉर्डेड फ्यूचर ने कहा है कि पिछले 18 महीनों में भारत के लोड डिस्पैच सेंटर्स को लगातार निशाना बनाया गया। पहले यह काम RedEcho से और अब TAG-38 के जरिये किया गया है।
TAG-38 नाम के हैकिंग ग्रुप ने ShadowPad सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया था और इससे पहले यह सॉफ्टवेयर चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी और सुरक्षा मंत्रालय से भी संबंधित था।
रिकॉर्डेड फ्यूचर के एक अफसर ने कहा कि हैकर्स ने जो तरीका घुसपैठ के लिए इस्तेमाल किया है वह इससे पहले नहीं देखा गया है। जिन उपकरणों का सहारा लेकर घुसपैठ की गई वह दक्षिणी कोरिया और ताइवान के हैं।
कुछ दिन पहले चीन के विदेश मंत्री वांग यी जब भारत आए थे तो भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने उनसे सीधे शब्दों में कहा था कि दोनों देशों के रिश्ते तभी सामान्य हो सकते हैं जब सीमाई इलाकों में शांति कायम हो। भारत ने चीन से कहा था कि वह लद्दाख में संघर्ष वाले सभी क्षेत्रों से अपने जवानों को जल्द से जल्द हटाए।
इसके बाद ऐसी खबर आना कि चीन के द्वारा प्रायोजित हैकर्स ने भारत के बिजली वितरण केंद्रों में घुसपैठ की है, यह निश्चित रूप से तनाव को बढ़ाने की एक और वजह बन सकती है।
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