कांग्रेस ने कहा है कि वह पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के दोषियों की रिहाई के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए पुनर्विचार याचिका दायर करेगी। बताना होगा कि केंद्र सरकार ने भी शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में पुनर्विचार याचिका दायर की है।
केंद्र सरकार ने कहा था कि पर्याप्त सुनवाई के बिना ही दोषियों की रिहाई को मंजूरी दे दी गई और इस वजह से प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का स्पष्ट रूप से उल्लंघन हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दोषियों को रिहा किए जाने के बाद कांग्रेस ने इस फैसले को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया था और कहा था कि इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।
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पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक चुनावी रैली में लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम यानी LTTE की एक महिला आत्मघाती हमलावर द्वारा हत्या कर दी गई थी। इस मामले में सात लोगों को दोषी ठहराया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने 11 नवंबर को राजीव गांधी की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे छह दोषियों को रिहा करने का आदेश दिया था। इन दोषियों में नलिनी श्रीहरन, श्रीहरन, संथन, मुरुगन, रॉबर्ट पायस और रविचंद्रन शामिल हैं।
पेरारिवलन की रिहाई
इस साल मई में भी राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों में से एक एजी पेरारिवलन को सुप्रीम कोर्ट ने रिहा करने का आदेश दिया था। पेरारिवलन 30 साल तक सलाखों के पीछे रहा था। हत्याकांड के समय पेरारिवलन 19 साल का था। उस पर LTTE के शिवरासन के लिए 9-वोल्ट की दो बैटरी खरीदने का आरोप था। इस तरह हत्याकांड के सभी दोषियों को रिहा कर दिया गया है।
राजीव गांधी की हत्या के लिए बनाए गए बम में इन बैटरियों का इस्तेमाल किया गया था। शिवरासन हत्या का मास्टरमाइंड था।
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