पाँच साल बाद अब एक बार फिर रेलवे का यात्री किराया बढ़ाया जा सकता है। इसके संकेत ख़ुद रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वी के यादव ने दिये हैं। उन्होंने कहा है कि रेलवे अपने यात्री किराये और माल ढुलाई शुल्क को 'युक्तिसंगत' करने की प्रक्रिया में है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि मालभाड़े की दरें पहले से ही अधिक हैं। अब ऐसे में युक्तिसंग करने का सीधा मतलब है कि यात्री भाड़ा में ही फेरबदल होगा। हाल के दिनों में रेलवे की आर्थिक स्थिति की जो रिपोर्ट आई है उसमें उसकी कमाई को बढ़ाए जाने की ज़रूरत बताई गई है। पिछले संसद सत्र में पेश कंप्ट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल यानी सीएजी की रिपोर्ट में भी रेलवे का मुनाफ़ा कम होने की बात कही गई थी।