सरदार वल्लभभाई पटेल को उनके जन्मदिन पर श्रद्धांजलि देते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बीजेपी पर तंज कसा है। उन्होंने कहा है कि जब 'लोकतंत्र के सभी स्तंभ कमज़ोर किए जा रहे हैं तो लोकतंत्र की रक्षा करना ही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी'। बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार सरदार पटेल के जन्मदिन को 'राष्ट्रीय एकता दिवस' के रूप में मनाती रही है। बीजेपी बार-बार दावा करती रही है कि पटेल को वह सम्मान नहीं मिला, जिसके वह हक़दार थे। बीजेपी सरदार पटेल को जवाहरलाल नेहरू के सामने खड़ी करती रही है और उनके साथ पक्षपात किए जाने का आरोप लगाती रही है।
इसी बीच राहुल गांधी ने यह सरदार पटेल को श्रद्धांजलि देते हुए ट्वीट किया है।
आज जब हमारे लोकतंत्र के सभी स्तंभ कमज़ोर किए जा रहे हैं, हमें सरदार वल्लभभाई पटेल के योगदान को याद करना होगा। इन स्तंभों का निर्माण करने वाले कांग्रेस नेताओं में से एक महत्वपूर्ण आवाज़ उनकी भी थी।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 31, 2021
लोकतंत्र की रक्षा करना ही सरदार पटेल को सच्ची श्रद्धांजलि है।
सादर नमन। pic.twitter.com/Bj8mslOaeh
वैसे, राहुल गांधी लंबे वक़्त से लोकतंत्र के कमजोर किए जाने के आरोप लगाते रहे हैं। हाल में पेगासस के मामले में भी उन्होंने यह कहा था। पेगासस स्पाइवेयर मामले में सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद राहुल ने कहा था कि पेगासस भारतीय लोकतंत्र को कुचलने का एक प्रयास है। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में किसानों की हत्या के बाद जब परिवार से मिलने से रोका जा रहा था तब भी उन्होंने लोकतंत्र के ख़तरे में होने की बात कही थी। हाथरस मामले में भी उन्होंने कुछ ऐसी ही टिप्पणी की थी। संसद में अहम मुद्दों पर चर्चा नहीं कराए जाने पर भी उन्होंने ऐसे सवाल उठाए थे। राहुल गांधी ने स्वीडन के वी-डेम इंस्टीट्यूट की डेमोक्रेसी रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि भारत अब लोकतांत्रिक देश नहीं रहा है।
इसी लोकतंत्र के कमजोर होने के दावों के साथ अब उन्होंने उन सरदार पटेल का नाम लेकर तंज कसा है जिनको बीजेपी जवाहरलाल नेहरू के ख़िलाफ़ खड़ा करने की कोशिश करती रही है।
हाल ही में हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक को लेकर बीजेपी ने दावा किया था कि कश्मीर के एक नेता ने सरदार वल्लभ भाई पटेल को बदनाम किया है। उसने यह आरोप कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक को लेकर मीडिया के एक वर्ग की रिपोर्ट के आधार पर लगाया था। हालाँकि, कांग्रेस के उस नेता ने उन आरोपों को खारिज कर दिया था।
इससे पहले भी बीजेपी सरदार पटेल को लेकर कांग्रेस पर पक्षपात करने का आरोप लगाती रही है। पिछले साल विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने देश के बंटवारे की प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाने वाले व्यक्ति और गवर्नर जनरल के सलाहकार वी. पी. मेनन की जीवनी के हवाले से एक विस्फोटक दावा किया था।
जयशंकर ने ट्वीट किया था, ‘असली इतिहास पुरुष के साथ न्याय हुआ, जिसका इंतजार लंबे समय से हो रहा था। इस पुस्तक से मालूम हुआ कि नेहरू 1947 में अपनी पहली कैबिनेट में पटेल को शामिल नहीं करना चाहते थे, कैबिनेट मंत्रियों की उनकी सूची में पटेल का नाम छोड़ दिया गया था। साफ़ है, यह बहस का विषय है। लेखक अपने इस खुलासे पर टिकी हुई हैं।’
उस चिट्ठी में नेहरू ने पटेल को लिखा था, 'प्रिय वल्लभभाई, चूँकि कुछ हद तक औपचारिकताएँ पूरी की जानी हैं, मैं आपको नई कैबिनेट में शामिल होने का न्योता दे रहा हूँ। यह लिखना ज़रूरत से ज़्यादा है क्योंकि आप कैबिनेट के सबसे मजबूत स्तंभ हैं।'
बहरहाल, अब जबकि बीजेपी राष्ट्रीय एकता दिवस मना रही है कांग्रेस भी इसमें पीछे नहीं है। गृह मंत्री अमित शाह स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी स्थल पर गए और वह कई कार्यक्रम में शरीक हुए तो प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो संदेश जारी किया।
भारत सशक्त हो, समावेशी भी हो,
— Narendra Modi (@narendramodi) October 31, 2021
संवेदनशील हो और सतर्क भी हो,
विनम्र हो, विकसित भी हो।
सरदार पटेल ने देशहित को हमेशा सर्वोपरि रखा।
आज उनकी प्रेरणा से भारत हर प्रकार की चुनौतियों से निपटने में पूरी तरह से सक्षम हो रहा है। pic.twitter.com/pqWeKOjsot
सरदार वल्लभभाई पटेल जी का संदेश हमारे राष्ट्र को एकजुट रखने व गांधी जी के दिखाए मार्ग पर चलने का आह्वान करता है।
— Congress (@INCIndia) October 31, 2021
सरदार पटेल जी का राष्ट्र को एकजुट करने में अविस्मरणीय योगदान है।#लौह_पुरुष_सरदार pic.twitter.com/9OGnouozMY
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