लोकसभा चुनाव में मिली क़रारी शिकस्त के बाद जब राहुल गाँधी ने कांग्रेस अध्यक्ष के पद से इस्तीफ़ा दे दिया था तो पार्टी के सामने उनके उत्तराधिकारी को खोजने की चुनौती थी। पहले तो राहुल की बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा और पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें समझाया कि वह पद से इस्तीफ़ा न दें। लेकिन जब राहुल अड़ गए तो नए अध्यक्ष के चयन के लिए दौड़-भाग शुरू हुई। कई नामों पर चर्चा चली लेकिन कोई भी नेता पार्टी अध्यक्ष बनने के लिए तैयार नहीं हुआ। थक-हारकर सोनिया गाँधी को पार्टी के अंतरिम अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालनी पड़ी। सोनिया गाँधी को अंतरिम अध्यक्ष चुनने का मतलब साफ था कि पार्टी अध्यक्ष का पद खाली है और नेताओं को इस बात की उम्मीद थी कि देर-सबेर राहुल गाँधी जिद छोड़ देंगे और अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाल लेंगे।