तेजस्वी यादव शुक्रवार को बिहार के सासाराम में राहुल गांधी के साथ उनकी भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल हुए। यात्रा बिहार में अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है और आज ही उत्तर प्रदेश में प्रवेश करने वाली है। सासाराम में यात्रा में शामिल हुए तेजस्वी और राहुल ने जीप में सवारी की। राहुल गांधी जीप में बैठ थे और तेजस्वी यादव ड्राइवर सीट पर।
सोशल मीडिया पर साझा की गई तस्वीरों में तेजस्वी को जीप ड्राइव करते हुए देखा गया जबकि बनकी बगल की सीट पर राहुल गांधी बैठे हुए थे। जीप में पीछे की सीट पर मीरा कुमार थीं और अन्य नेता भी थे।
सासाराम, #बिहार से भारत जोड़ो न्याय यात्रा की आज की शुरुआत @RahulGandhi pic.twitter.com/2EFQnuEmRg
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) February 16, 2024
अन्य वीडियो में तेजस्वी यादव और राहुल गांधी कार में खड़े दिखते हैं और यात्रा धीरे-धीरे आगे बढ़ती जाती है और वे उत्साही भीड़ की ओर हाथ हिलाते दिखते हैं।
LIVE: #BharatJodoNyayYatra resumes from PCC Office Sasaram, Bihar. https://t.co/pR09DooZZZ
— Congress (@INCIndia) February 16, 2024
बिहार के सासाराम में भारत जोड़ो न्याय यात्रा को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर ताजा हमला बोला और कहा कि मुख्यमंत्री किसी की बात नहीं सुनना चाहते हैं। उन्होंने कहा, "आप सभी अच्छी तरह से जानते हैं कि हमारे सीएम कैसे हैं, वह किसी की बात नहीं सुनना चाहते। वह कहते थे, 'मैं मर जाऊंगा, लेकिन बीजेपी में शामिल नहीं होऊंगा'... हमने तय किया कि हम नीतीश जी के साथ रहेंगे, चाहे कुछ भी हो जाए।' हमें बहुत कुछ त्यागना होगा, केवल 2024 में भाजपा को हराने के लिए... 'हम लोगों ने एक थके हुए मुख्यमंत्री को नियुक्त किया'।''
तेजस्वी ने कहा, 'वो किसी की बात नहीं सुनना चाहते, लेकिन फिर भी हमारी सरकार महा गठबंधन की सरकार थी और हम एक बड़े लक्ष्य के साथ एक होना चाहते थे, हमें उन शक्तियों को रोकना है जो देश में जहर बोने का काम करते हैं। इसलिए इस बार किसी भी कीमत पर, चाहे हमें कितना भी सहना पड़े, चाहे हमें कितना भी त्याग करना पड़े, हम नीतीश जी के साथ आए, ताकि 2024 में बीजेपी को हराया जा सके। हम बीजेपी को सत्ता से बाहर करने का काम करेंगे।'
इससे पहले गुरुवार को बिहार के औरंगाबाद जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी प्रदर्शनकारी किसानों के समर्थन में सामने आए और किसानों की तुलना उन सैनिकों से की जो उनकी रक्षा के लिए देश की सीमाओं पर लड़ते हैं।
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