राहुल गांधी को आख़िरकार अपनी लोकसभा की सदस्यता गँवानी पड़ी। आपराधिक मानहानि के मामले में दो साल की सजा होने के बाद राहुल को लोकसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया। कांग्रेस ने इस फ़ैसले को ग़लत बताया है और कहा है कि लोकसभा सचिवालय अमान्य करने वाला फैसला कैसे ले सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी को लेकर राहुल को गुजरात की एक अदालत से दो साल की जेल की सजा मिली है। उन्हें जमानत मिल गई है और फैसले के खिलाफ अपील दायर करने के लिए उन्हें 30 दिनों का समय दिया गया है। कहा जा रहा है कि राहुल के पास ऊपरी अदालत में एक महीने तक अपील करने तक के लिए उनके पास मोहलत है। समझा जाता है कि राहुल को यह मोहलत अपने निचली अदालत के फ़ैसले के ख़िलाफ़ अपील करने के लिए मिली है और उसका राहुल की संसद सदस्यता को अमान्य घोषित किए जाने से लेना देना नहीं है।