राहुल गांधी को आख़िरकार अपनी लोकसभा की सदस्यता गँवानी पड़ी। आपराधिक मानहानि के मामले में दो साल की सजा होने के बाद राहुल को लोकसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया। कांग्रेस ने इस फ़ैसले को ग़लत बताया है और कहा है कि लोकसभा सचिवालय अमान्य करने वाला फैसला कैसे ले सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी को लेकर राहुल को गुजरात की एक अदालत से दो साल की जेल की सजा मिली है। उन्हें जमानत मिल गई है और फैसले के खिलाफ अपील दायर करने के लिए उन्हें 30 दिनों का समय दिया गया है। कहा जा रहा है कि राहुल के पास ऊपरी अदालत में एक महीने तक अपील करने तक के लिए उनके पास मोहलत है। समझा जाता है कि राहुल को यह मोहलत अपने निचली अदालत के फ़ैसले के ख़िलाफ़ अपील करने के लिए मिली है और उसका राहुल की संसद सदस्यता को अमान्य घोषित किए जाने से लेना देना नहीं है।
दोषी ठहराए जाने के एक दिन बाद राहुल लोकसभा से अयोग्य घोषित
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- 24 Mar, 2023
कांग्रेस और राहुल गांधी को बड़ा झटका लगा है। जानिए लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी को उनकी 'मोदी सरनेम' टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में दो साल की सजा मिलने के बाद क्या कहा है।

2013 में लिली थॉमस बनाम यूनियन ऑफ़ इंडिया मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फ़ैसला सुनाया था कि कोई भी सांसद, विधायक या एमएलसी जिसे अपराध का दोषी ठहराया जाता है और न्यूनतम 2 साल की जेल दी जाती है, तत्काल प्रभाव से सदन की सदस्यता खो देता है। तब अदालत ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8(4) को रद्द कर दिया था, जिसने निर्वाचित प्रतिनिधियों को अपनी सजा के खिलाफ अपील करने की अनुमति दी थी, इसे 'असंवैधानिक' बताया था।