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देश की नींव को कमजोर करने वाले लोग खुद को राष्ट्रवादी कहते हैं: राहुल गांधी

कोरोना वायरस के संकट को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को अमेरिका के पूर्व राजनयिक निकोलस बर्न्स से बातचीत की। राहुल ने इस दौरान नाम लिए बिना बीजेपी पर हमला बोला और कहा कि देश की नींव को कमजोर करने वाले लोग खुद को राष्ट्रवादी कहते हैं। उन्होंने कहा कि विभाजन वास्तव में देश को कमजोर करने वाला होता है, लेकिन विभाजन करने वाले लोग इसे देश की ताकत के रूप में चित्रित करते हैं। 

राहुल ने निकोलस बर्न्स से कहा, ‘जब आप अमेरिका में अफ्रीकियों-अमेरिकियों, मैक्सिकन और अन्य लोगों को बांटते हैं, उसी तरह जब आप भारत में हिंदुओं, मुसलमानों और सिखों को बांटते हैं, तो आप देश की नींव को कमजोर कर रहे होते हैं, लेकिन ऐसे ही लोग खुद को राष्ट्रवादी कहते हैं।’ 

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राहुल ने कहा, ‘हम खुले विचारों वाले हैं, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि अब यह बात ग़ायब हो रही है। यह काफी दुःखद है कि मैं उस स्तर की सहिष्णुता को नहीं देखता, जो मैं पहले देखता था। ये भारत और अमेरिका दोनों ही देशों में नहीं दिख रही है।’ 

राहुल ने निकोलस से कहा, ‘हमारे लिए लोकतंत्र के बारे में तब कोई तर्क देना बहुत मुश्किल हो जाता है, जब हमारे संस्थानों को कमजोर किया जा रहा है, जब हमारे लोग डरते हैं और जब हमारे देश के लाखों लोग घबरा जाते हैं कि उनके साथ क्या होने वाला है।’ कांग्रेस नेता ने कहा कि वह सौ प्रतिशत आशान्वित हैं कि उनके देश के डीएनए को बदला नहीं जा सकता। 

पूर्व अमेरिकी राजनयिक बर्न्स ने कहा, ‘यदि भविष्य में कोई महामारी आए, जिसकी संभावना है, तो भारत और अमेरिका दोनों मिलकर अपने समाज के ग़रीब लोगों के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं। मैं हमारे रिश्ते को उस दिशा में भी जाते देखना चाहूंगा।’ 

वायनाड से कांग्रेस सांसद राहुल ने इस दौरान कुछ दिन पहले बजाज ऑटो के मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव बजाज के साथ हुई बातचीत का भी जिक्र किया। राहुल ने कहा, ‘कुछ दिनों पहले मैंने भारत के एक बड़े व्यवसायी के साथ इसी तरह की बातचीत की थी। उन्होंने मुझे बताया कि उनके दोस्तों ने उन्हें मुझसे बात करने के लिए मना किया और कहा है कि मुझसे बात करना उनके लिए नुकसानदेह होगा। इसलिए डर का माहौल तो है।’

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लॉकडाउन को लेकर बोला हमला

राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला बोलते हुए कहा, ‘आप एकतरफा फ़ैसले लेते हैं, दुनिया में सबसे बड़ा और कठोर लॉकडाउन करते हैं। आपके पास लाखों दिहाड़ी मजदूर हैं, जिन्हें हजारों किलोमीटर पैदल घर लौटना पड़ा।’ 

राहुल ने कहा, ‘लोगों में ये डर बैठ गया है कि कोरोना वायरस एक घातक बीमारी है। वायरस के साथ धीरे-धीरे इस डर को भी दूर किया जाना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि भारत में, जिस तरह से लॉकडाउन किया गया था, उसके कारण मानसिकता बदल गई है और काफी डर वाला माहौल बन गया है। 

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘हम एक ख़राब दौर से गुजर रहे हैं लेकिन मैं लोगों को पहले की तुलना में एक-दूसरे का बहुत अधिक सहयोग करते हुए देख रहा हूं। लोगों को एहसास हुआ है कि वास्तव में एकजुट होने के फायदे हैं। एक-दूसरे की मदद करने के फायदे हैं। इसलिए वे ऐसा कर रहे हैं।’ 

कोरोना संकट को लेकर राहुल गांधी स्वास्थ्य विशेषज्ञों और आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन से भी बात कर चुके हैं। 

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क़मर वहीद नक़वी
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