loader

अब मोदी से कोई नहीं डरता, बनारस में किसी ने चप्पल मार दी थी: राहुल

राहुल गांधी ने कहा है कि पीएम मोदी से अब कोई नहीं डरता है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का कॉन्सेप्ट हजारों करोड़ रुपये की मार्केटिंग और डर था। कांग्रेस नेता ने कहा कि यह डर था- एजेंसी का डर, मीडिया का डर, सरकार का डर। उन्होंने कहा कि 'उनके काम करने का तरीका लोगों को डराने-धमकाने का है, लेकिन अब उनसे कोई नहीं डरता। आपने देखा होगा बनारस में किसी ने उन्हें चप्पल मार दी थी।'

नीट-यूजी और यूजीसी नेट में कथित पेपर लीक के आरोपों को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर कई तरह के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को लोग जान गए हैं और इसलिए उनसे लोग अब नहीं डरते। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी की 56 इंच की छाती अब 30-32 इंच की हो गई है।

राहुल गांधी ने बाद में एक ट्वीट कर कहा, 'एक और महत्वपूर्ण बात जो प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहनी रह गई। नरेंद्र मोदी और उनके काफिले पर चप्पल फेंका जाना बहुत ही निंदनीय है और उनकी सुरक्षा में गंभीर चूक है। सरकार की नीतियों पर अपना विरोध गांधीवादी तरीके से दर्ज कराया जाना चाहिए, लोकतंत्र में हिंसा और नफ़रत की कोई जगह नहीं है।'

कांग्रेस नेता ने कहा कि पेपर लीक का कारण है कि बीजेपी ने पूरे सिस्टम को कैप्चर कर रखा है। उन्होंने कहा कि जब तक ये कैप्चर रिवर्स नहीं होगा, पेपर लीक चलता रहेगा। राहुल ने कहा, 'मैं संस्थागत कैप्चर की बात करता हूँ। हिंदुस्तान की अलग-अलग जो संस्थाएँ हैं, उनकी बात की। यही शैक्षणिक संस्थाओं में भी हो रहा है।'

राहुल गांधी ने कहा कि पेपर लीक का कारण है कि सभी वाइस चांसलर, एजुकेशन सिस्टम को बीजेपी के लोगों ने, उनके पितृ संस्थाओं ने कैप्चर कर रखा है। उन्होंने कहा, 'जब तक ये कैप्चर रिवर्स नहीं किया जाएगा तब तक पेपर लीक चलता जाएगा। इस कैप्चर को फैसिलिटेट नरेंद्र मोदी जी ने किया है।'

ताज़ा ख़बरें

राहुल ने कहा, 'मोदी सरकार कितनी भी क्लीन चिट दे, उनकी विश्वसनीयता ज़ीरो है। सब लोग जानते हैं कि पेपर लीक का एपिसेंटर मध्य प्रदेश, गुजरात और उत्तर प्रदेश है। भारत जोड़ो यात्रा में सबसे ज्यादा पेपर लीक की बातें इन्हीं प्रदेशों में से सामने आईं थी।'

जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि केंद्र पेपर लीक से बेपरवाह है तो राहुल गांधी ने कहा, 'सरकार की चुप्पी इसलिए है क्योंकि प्रधानमंत्री अक्षम हैं। अभी, प्रधानमंत्री का मुख्य एजेंडा स्पीकर का चुनाव है। उन्हें अपनी सरकार और स्पीकर की चिंता है। प्रधानमंत्री मानसिक रूप से टूट चुके हैं और उन्हें इस तरह की सरकार चलाने में संघर्ष करना पड़ेगा। सरकार चलाने का मोदी का विचार लोगों में डर पैदा करना है। लेकिन अब लोग उनसे नहीं डरते। इस चुनाव में मोदी की मूल अवधारणा नष्ट हो गई है।' 
देश से और ख़बरें

उन्होंने कहा, 'अगर वाजपेयी जी या मनमोहन सिंह जी होते तो वे बच सकते थे क्योंकि उनमें विनम्रता, सम्मान और सहमति वाले गुण थे। लेकिन नरेंद्र मोदी इन सब में विश्वास नहीं करते।'

उन्होंने मोदी सरकार को 'पेपर लीक सरकार' करार दिया और पूछा कि क्या शिक्षा मंत्री अब जिम्मेदारी लेंगे। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में व्यापम घोटाला हुआ, जिसे नरेंद्र मोदी पूरे देश में फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि 'कहा जा रहा था कि नरेंद्र मोदी जी ने रुस व यूक्रेन के बीच, इज़राइल व गज़ा के बीच चल रही लड़ाई को भी रोक दिया था। लेकिन देश में जो पेपर लीक हो रहे हैं उसको रोक नहीं पा रहे हैं या रोकना नहीं चाहते हैं।'

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें