लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शनिवार को जाति जनगणना की मांग दोहराते हुए दावा किया कि भारत की 90 फीसदी आबादी इस सिस्टम का हिस्सा नहीं है।
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— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 24, 2024
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 'संविधान सम्मान सम्मेलन' को संबोधित करते हुए पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने कहा, ''नब्बे फीसदी लोग सिस्टम से बाहर बैठे हैं, उनके पास कौशल और ज्ञान है लेकिन उनकी पहुंच (शीर्ष तक) नहीं है। यही वजह है कि हमने जाति आधारित संस्थागत जनगणना की मांग उठाई है।”
“भाजपा नेता कह रहे हैं कि जाति जनगणना के बाद ओबीसी वर्ग आ जाएगा… हम विभिन्न समुदायों की सूची चाहते हैं। हमारे लिए जाति जनगणना सिर्फ एक जनगणना नहीं है, यह नीति निर्माण की नींव है।”
नेता विपक्ष राहुल गांधी ने इलाहाबाद में कहा कि “सिर्फ जाति जनगणना करना ही पर्याप्त नहीं है, यह समझना भी महत्वपूर्ण है कि धन का वितरण कैसे किया जा रहा है… यह पता लगाना भी महत्वपूर्ण है कि नौकरशाही, न्यायपालिका, मीडिया में ओबीसी, दलितों, श्रमिकों की भागीदारी कितनी है ?”
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मैं 2004 से राजनीति में हूं और बीजेपी मेरे लिए गुरु की तरह है क्योंकि इसने मुझे सिखाया है कि क्या नहीं करना चाहिए।
-राहुल गांधी, 24 अगस्त 2024, संविधान सम्मान सम्मेलन, इलाहाबाद सोर्सः पीटीआई
कांग्रेस जाति जनगणना को लेकर मुखर रही है और उसने अपने लोकसभा चुनाव घोषणापत्र में इसका वादा किया था। देश की सबसे पुरानी पार्टी ने जातियों और उप-जातियों और उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थितियों की गणना के लिए एक राष्ट्रव्यापी सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना आयोजित करने का वादा किया था। कांग्रेस ने एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा बढ़ाने के लिए एक संवैधानिक संशोधन पारित करने का भी वादा किया था।
अप्रैल में, राहुल गांधी ने जाति जनगणना को अपना "जीवन मिशन" कहा था और वादा किया था कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो वे इसे लागू करेंगे। राहुल ने उस समय कहा ता- “जाति जनगणना मेरे लिए राजनीति नहीं है, यह मेरे जीवन का मिशन है। दुनिया की कोई ताकत जातीय जनगणना को नहीं रोक सकती। जब कांग्रेस सत्ता में आएगी तो जनगणना पहला काम होगा जिसे हम हाथ में लेंगे। यह मेरी गारंटी है।''
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