बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने फिल्मों में अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर सवाल उठाया है। कोलकाता इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2022 के मंच पर उन्होंने कहा, “1952 में सिनेमेटोग्राफर एक्ट ने सेंसरशिप को निर्धारित किया था और आज भी फिल्म सर्टिफिकेशन बोर्ड के द्वारा इसे बरकरार रखा गया है। लेकिन बावजूद इसके मंच पर बैठे मेरे साथी इस बात से सहमत होंगे कि आज भी नागरिक आजादी और अभिव्यक्ति की आजादी पर सवाल उठाए जा रहे हैं।”
आज भी अभिव्यक्ति की आजादी पर सवाल उठाए जाते हैं: अमिताभ
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- 16 Dec, 2022
अपने अभिनय के लिए दुनिया भर में जाने-पहचाने जाने वाले अमिताभ बच्चन के द्वारा अभिव्यक्ति की आजादी पर सवाल उठाए जाने की बात कहना एक बड़ा मुद्दा है। आखिर पिछले कुछ सालों में कई फिल्मों और विज्ञापनों को लेकर विवाद क्यों खड़ा किया जा रहा है।

इस कार्यक्रम में दिग्गज अभिनेता शाहरुख खान ने भी अपनी बात रखी और सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही नेगेटिव बातों का जिक्र किया। शाहरुख ने कहा, “मैंने कहीं पढ़ा है कि नकारात्मकता सोशल मीडिया के इस्तेमाल को बढ़ाती है और इस तरह इसके व्यावसायिक मूल्य को भी बढ़ाती है। इस तरह की चीजें सामूहिक नैरेटिव गढ़ती हैं, जिससे यह विभाजनकारी और विनाशकारी हो जाता है।'
शाहरुख ने कहा कि दुनिया चाहे कुछ भी करे, हम जैसे लोग सकारात्मक रहेंगे।