बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने फिल्मों में अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर सवाल उठाया है। कोलकाता इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2022 के मंच पर उन्होंने कहा, “1952 में सिनेमेटोग्राफर एक्ट ने सेंसरशिप को निर्धारित किया था और आज भी फिल्म सर्टिफिकेशन बोर्ड के द्वारा इसे बरकरार रखा गया है। लेकिन बावजूद इसके मंच पर बैठे मेरे साथी इस बात से सहमत होंगे कि आज भी नागरिक आजादी और अभिव्यक्ति की आजादी पर सवाल उठाए जा रहे हैं।”